लखनऊ: Purvanchal Expressway: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करेंगे. राज्य के नौ जिलों को जोड़ने वाले पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के नजदीकी क्षेत्रों उद्योगों के विकास के साथ शैक्षणिक व स्वास्थ्य संस्थान, रोजगार की नई राह भी खुलेगी. यह एक्सप्रेसवे लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, आंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर निकल रहा है. इसके बनने से दिल्ली से गाजीपुर का सफर करीब 10 घंटे में पूरा किया जा सकेगा.
योगी ने लिया कार्यक्रम स्थल का जायजा
कार्यक्रम को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अधिकारियों के साथ कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया.
Prime Minister Narendra Modi to inaugurate the 341 Km long Purvanchal Expressway at Karwal Kheri in Sultanpur district today. Visuals from the expressway. pic.twitter.com/anAYfcbizA
— ANI UP (@ANINewsUP) November 16, 2021
उन्होंने एयर स्ट्रिप पर कैमरा लगवाने के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए. कार्यक्रम को देखते हुए मौके पर शासन, प्रशासन, सेना व पुलिस के अधिकारी डटे हैं. यूपी एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) के सीईओ अवनीश अवस्थी ने बताया कि जनसभा के साथ एयर-शो होगा.
उन्होंने बताया कि हर पुलिस चौकी के पास हेलीपैड बनाये जाएंगे. सुल्तानपुर एक्सप्रेसवे के पास अरवलकीरी करवत की एयर स्ट्रिप पर एयर शो में कुल 11 विमान अपनी ताकत दिखाएंगे. इनमें सुखोई, 30-सी130जे, मिराज, जगुआर व हरक्यूलस अपना करतब दिखाएंगे.
एक्सप्रेसवे के किनारे बनाए जाएंगे औद्योगिक गलियारे
अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारे बनाए जाएंगे. यहां विभिन्न प्रकार के उद्योग स्थापित होंगे. लॉजिस्टिक सुविधा बेहतर होने से स्थानीय कारोबारियों, छोटे व्यापारियों आदि को भी लाभ होगा. वहीं, पूर्वाचल के छोटे-छोटे जिलों से अब लखनऊ और दिल्ली की दूरी घट गई है. दस घंटे का सफर महज साढ़े तीन से चार घंटे में तय किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि यह एक्सप्रेसवे बिहार की सीमा तक है, इसलिए इसका लाभ बिहार के सीमावर्ती जिलों को भी सीधे मिल सकेगा. दावा किया कि यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के विकास के लिए रीढ़ की हड्डी साबित होगा.
36 महीने में बना एक्सप्रेसवे
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगलवार को प्रधानमंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश का बैकबोन कहे जाने वाले एक्सप्रेस-वे को एक बजे राष्ट्र को समर्पित करेंगे. उन्होंने फिर दोहराया कि प्रधानमंत्री ने जुलाई 2018 में एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था. 19 महीने के कोराना काल खंड के बाद भी 341 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे 36 महीने में बनकर तैयार हुआ है. एक्सप्रेस-वे पूर्वी उप्र के करीब आठ करोड़ जनमानस के विकास व उज्ज्वल भविष्य का आधार बनेगा. प्रदेश की राजधानी लखनऊ से पूर्वी उप्र को एक्सप्रेस-वे जोड़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की रुचि पूर्वी उप्र के विकास के प्रति रही. एक्सप्रेस-वे बनने से यह सही साबित हुआ है.
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