नई दिल्लीः देश में पहले से कोयले की किल्लत हो रही है. इस पर कोयले से लदी मालगाड़ी के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए. रेलवे के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में ये हादसा हुआ. फिलहाल इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही लगभग बंद है.
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर शनिवार एसएनभरथना के पास कानपुर से नई दिल्ली जा रही कोयले से लदी मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतर गए. अब इस हादसे के कारण पावर प्लांट्स तक समय पर कोयला पहुंचाने में दिक्कत हो सकती है.
पटरियों पर बिखर गया कोयला
मालगाड़ी के 13 वैगन पटरी से उतर गए और वैगन में रखा कोयला पटरियों में बिखर गया और इसके कारण कई पटरियां टूट गईं, जिस कारण इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है. जानकारी के मुताबिक मालगाड़ी कोयला लोड कर कानपुर से दिल्ली आ रही थी और इस हादसे की जानकारी मिलने के बाद रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे.
देर शाम तक पटरियां ठीक करने का दावा
रेलवे के मुताबिक दुर्घटना राहत ट्रेन को भी दिल्ली, आगरा और झांसी से रवाना किया गया है और देर शाम तक पटरी को ठीक करने का दावा किया जा रहा है. रेलवे के मुताबिक रेलकर्मी युद्धस्तर से पटरियों को ठीक करने के काम में लगे हुए हैं और शाम तक पटरियों को ठीक कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग सबसे व्यस्त मार्ग है और इस रूट पर रोजाना सैकड़ों ट्रेनें गुजरती हैं. भीषण गर्मी के कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है. इस हादसे के बाद इस रूट पर कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं. हालांकि रेलवे की टीमों ने मौके पर पहुंचकर पटरियों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है.
रेल हादसे ने बढ़ाई चिंता
उल्लेखनीय है कि देश में बिजली की खपत बढ़ने और कोयले की कमी को देखते हुए रेलवे ने पहले ही अगले एक महीने तक 670 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया है. साथ ही कोयला से लदी मालगाड़ियों की औसत संख्या भी बढ़ा दी है. इस बीच यह रेल हादसा एक बड़ी समस्या बन गया है.
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