दिव्यांग शिक्षक को पुरस्कार देने के लिए मंच से उतरीं राष्ट्रपति मुर्मू, तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा हॉल

National Awards to Teachers 2022: पुरस्कार वितरण के दौरान उत्तराखंड के शिक्षक प्रदीप नेगी के नाम की घोषणा हुई. वीडियो में दिख रहा है कि जैसे ही नेगी अपनी सीट से खड़े होकर मंच पर चढ़ने के लिए आते हैं तो खुद राष्ट्रपति नीचे आ जाती हैं. 

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 5, 2022, 04:27 PM IST
  • 46 शिक्षकों को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित.
  • मंच से उतरीं तो तालियों से गूंजने लगा हॉल.
दिव्यांग शिक्षक को पुरस्कार देने के लिए मंच से उतरीं राष्ट्रपति मुर्मू, तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा हॉल

नई दिल्ली. देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में शामिल हुईं. कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू के एक कदम ने सबका दिल जीत लिया और पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से भर गया. दरअसल पुरस्कार वितरण के दौरान उत्तराखंड के शिक्षक प्रदीप नेगी के नाम की घोषणा हुई. वीडियो में दिख रहा है कि जैसे ही नेगी अपनी सीट से खड़े होकर मंच पर चढ़ने के लिए आते हैं तो खुद राष्ट्रपति नीचे आ जाती हैं. 

धर्मेंद्र प्रधान भी रहे मौजूद, शेयर किया वीडियो
मंच के नीचे उतर कर राष्ट्रपति मुर्म प्रदीप नेगी को सम्मानित करती हैं. इस दौरान देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे. प्रधान ने अपने ट्विटर हैंडल से इस वीडियो को शेयर किया है. उन्होंने लिखा है कि जब आदर्श सार्वजनिक मूल्यों की बारी आती है तो राष्ट्रपति मुर्मू एक प्रेरणा हैं. 

कौन हैं प्रदीप नेगी?
न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदीप नेगी उत्तराखंड में शिक्षक हैं. विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए छात्रों को स्कूलों से जोड़ने में उनका अहम योगदान रहा है. इसके अलावा उन्होंने पर्यावरण से संबंधित कई कार्यक्रम आयोजित करवाए हैं. 

बच्चों में क्रिएटिविटी के साथ शिक्षा की प्राप्ति के लिए उन्होंने कई तरह के प्रयोग किए हैं. इन प्रयोगों के जरिए वो स्कूली बच्चों को इनोवेटिव ढंग से पढ़ाने का प्रयास करते रहे हैं. उनकी रचनात्मकता ने आस-पास के लोगों को भी प्रभावित किया है. 

राष्ट्रपति ने अपने शिक्षकों को याद किया
बता दें कि आज के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम ' नेशनल अवार्ड्स टू टीचर्स 2022' में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 46 शिक्षकों को पुरस्कृत किया. कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने अपनी जिंदगी में अपने शिक्षकों के योगदान को याद किया. इन्हीं शिक्षकों की वजह से वह गांव में स्कूल जाने वाली पहली लड़की बनी थीं. राष्ट्रपति ने कहा-भारत में स्कूली शिक्षा दुनिया सबसे बड़े शिक्षा तंत्र में से एक है. 

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