लखनऊ: 2017 का उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव याद करिए. कांग्रेस ने उस वक्त प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री के मसले को मीडिया में हाइप होने के लिए छोड़ दिया था और उनके नाम पर सुर्खियां बटोरती रही. ये अलग बात है कि पार्टी को उसका भी फायदा नहीं हुआ. उसके कुछ समय बाद जब प्रियंका गांधी फाइनली कांग्रेस की सदस्यता अधिकारिक रूप से ले लेती हैं तो खबरें चलती हैं और सोशल मीडिया एक नारे से पट जाता है. ''प्रियंका नहीं यह आंधी है, देश की इंदिरा गांधी है.'' अब का माहौल कुछ और है. कुछ ऐसा कि प्रियंका गांधी को भी अपनी बातों से पीछे हटना पड़ रहा है.
जब अधमरा व्यक्ति अचानक उठ कर सरपट दौड़ गया
यह मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव का है या यूं कहें कि सोशल मीडिया का है. यह मामला प्रियंका गांधी के अपने ही किए गए ट्वीट को डिलीट करने से जुड़ा है जो कुछ देर पहले ही संवेदना को दर्शाने के लिए लिखा गया था. अब ऐसा क्या हुआ कि प्रियंका गांधी अपनी ही कही बात से पीछे हट जाती हैं. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने उनको घेरना शुरू किया. उन्होंने जानकारी दी कि किसानों पर लाठीचार्ज का एक वीडियो था जिसे प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर से शेयर किया. उस वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि उत्तर प्रदेश पुलिस एक ग्रामीण को मार रही जो अधमरा हो गया है. बावजूद उसपे लाठियों से वार किया जा रहा है. लेकिन जब सोशल मीडिया में वह पूरा वीडियो आया तो उसमें दिखाया गया कि वह आदमी पिटने के थोड़ी देर बाद उठ खड़ा हुआ और भाग गया. जिसके बाद प्रियंका गांधी ने ट्विटर से अपने पुराने पोस्ट को डिलीट कर दिया.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, उत्तर प्रदेश के उन्नाव में ट्रांस गंगा परियोजना के लिेए जिन किसानों की जमीन खरीदी गई है, वे अपने जमीन के मुआवजे को लेकर हंगामा कर रहे हैं. उनका कहना है कि मुआवजा सही नहीं मिला. हंगामा कर रहे लोग जब उग्र होने लगे तो पुलिस ने मोर्चा संभाला और उन्हें खदेड़ने लगी. इसी बीच एक व्यक्ति गिर पड़ा. पुलिस ने उस पर डंडे बरसाए तो वह अधमरे होने का नाटक करने लगा. थोड़ी देर बाद जैसे ही सबका ध्यान भटका वह भाग खड़ा हुआ. किसी ने यह पूरी घटना कैमरे में कैद कर ली. उन्नाव के पुलिस अधीक्षक एमपी वर्मा ने बाद ने जानकारी दी कि पूरा वीडियो अब सोशल मीडिया पर अब शेयर कर दिया गया है.
अच्छी राजनेता बन सकती हैं प्रियंका
राजनीति में प्रियंका गांधी की छवि को हमेशा गांधी परिवार के चिराग राहुल गांधी से बेहतर बताया जाता है. राजनीतिक टिप्पणीकार भी यह मानते हैं कि प्रियंका गांधी अच्छी राजनेता बन सकती हैं. उनमें लोगो से जुड़ने की कला है. लोगों से बातचीत करने की शैली भी है. वह किसी भी चीज को एक भाव के साथ बोल सकती हैं. लेकिन हाल के दिनों में कांग्रेस के बुरे हालात को देखते हुए प्रियंका भी बस किसी तरह से विरोध का जरिया ढ़ूंढ सरकार को घेरने में लग गईं हैं. प्रियंका गांधी की करिश्माई छवि जिसका अभी कोई उद्हारण भी देखने को नहीं मिला, उसे भुनाने में क्या कांग्रेस वाकई सफल हो पाएगी ?