नई दिल्ली: कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने फिर सेना का अपमान कर दिया. पूरी दुनिया को धमकाने वाले चीन को भारत ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर करीब 8 किलोमीटर पीछे भेज दिया है. भारत चीन सीमा के बाकी मोर्चों पर भी चीन को पीछे हटना होगा. भारत की सेनाएं अपनी पुरानी जगह पर लौट आएंगी.


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सेनाओं के पीछे हटने का काम शुरू हो चुका है, लेकिन भारत-चीन सीमा पर डिसइंगेजमेंट पर राहुल को देश पर भरोसा नहीं है. राहुल की 'मेड इन चाइना' राजनीति भारत के शौर्य पर सवाल उठा रही है.


राहुल गांधी की चीन पॉलिटिक्स!


राहुल गांधी ने कहा, 'चीन भारत की जमीन पर आया, हजारों किलोमीटर जमीन चीन ने छीन ली. हमारे जवानों को शहीद किया. राजनाथ सदन में कहते हैं कि समझौता हो गया. हिंदुस्तान की नेगोशिएटिंग पोजीशन अप्रैल 2020 थी. स्ट्रैटजिक एरिया, जहां चीन अंदर आया. उसके बारे में राजनाथ सिंह ने एक शब्द नहीं बोला.'


'हिंदुस्तान की पवित्र जमीन नरेंद्र मोदी ने चाइना को पकड़ाई है, ये सच्चाई है. नरेंद्र मोदी ने चीन के सामने मत्था टेक दिया, सिर झुका दिया.'


'He is coward, तभी चीन के आगे खड़े नहीं हो सके. शहीदों का अपमान हैं. मोदी खड़े नहीं हो पाए, सेना तैयार है, एयरफोर्स तैयार है, नेवी तैयार है, प्रधानमंत्री तैयार नहीं हैं. चीन की सफलता है, क्योंकि नरेंद्र मोदी उनके आगे झुक गए.'


'भारत माता फिंगर 4 तक है. नरेंद्र मोदी ने भारत माता का टुकड़ा चीन को पकड़ा दिया है. PM ने देश की जमीन चीन को दी है, देश की रक्षा-सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है.'


'डिफेंस मिनिस्टर ने कहा समझौता हो गया, लेकिन असल मे फिंगर 4 से फिंगर 3 के बीच की जमीन मोदी ने चीन को दे दी है. मोदी सरकार किसान को मारेगी और चीन को जमीन देगी. मोदी को किसान मजदूर की शक्ति का अंदाजा नहीं है.'


इतना ही नहीं राहुल बाबा ने इसके बाद एक ट्वीट किय और लिखा कि 'गद्दारों ने भारत माता को चीरकर एक टुकड़ा चीन को दे दिया!'



राहुल बाबा किसे गद्दार कहना चाहते हैं? क्या उन्हें नाना नेहरू के राज में वो दौर याद नहीं है? क्या राहुल गांधी को देश की सेना पर भरोसा नहीं है? खैर, ये पहली दफा नहीं है जब उन्होंने ऐसी करतूत को अंजाम दिया है. 


राहुल को तो सिर्फ राजनीति से मतलब है


राहुल गांधी चीन पर अपनी सीमा एक बार फिर भूल गए. वो दरअसल हमला प्रधानमंत्री पर नहीं कर रहे हैं, बल्कि वो तो हमारी सेना के शौर्य पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं सेना जो देश का इंच इंच का रक्षा करने के लिए कुर्बानियां दे रही है, लेकिन राहुल गांधी को इससे क्या फर्क पड़ता है? उन्हें तो बस राजनीति करनी है.


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राजनीति करते वक्त भी वो लक्ष्मण रेखा का बार बार उल्लंघन करते हैं. राहुल गांधी का दावा है कि पैंगोग लेक के फिंगर 4 तक भारत की जमीन है. एक तरह से राहुल गांधी का कहना सही भी है, क्योंकि 1962 से पहले फिंगर 8 तक पर भारत का ही कब्जा था, लेकिन 1962 की लड़ाई में चीन ने भारत की करीब 43 हजार वर्ग किमी की जमीन पर कब्जा जमा लिया था.


रक्षा मंत्रालय का बयान


चीन सीमा विवाद पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को रक्षा मंत्रालय ने जवाब दे दिया है. मंत्रालय ने ये साफ कहा कि पैंगोंग के फिंगर 8 तक है भारत की जमीन है, राहुल गांधी ने सरकार पर चीन को जमीन देने का आरोप लगाया था.


रक्षा मंत्रालय की तरफ से राहुल गांधी को करारा जवाब दिया गया है. उस जवाब में क्या-क्या है आप खुद ही पढ़ लीजिए.


1. रक्षा मंत्रालय ने कुछ गलत और भ्रामक टिप्पणियों पर ध्यान दिया है जो मीडिया में और सोशल मीडिया पर पैंगोंग त्सो में चल रहे विघटन के संबंध में प्रवर्तित हैं.


2. शुरू में, रक्षा मंत्रालय ने दोहराया कि संसद के दोनों सदनों को अपने बयानों में रक्षा मंत्री द्वारा पहले ही स्पष्ट रूप से स्थिति स्पष्ट कर दी गई है.


3. हालांकि, मीडिया और सोशल मीडिया में गलत तरीके से समझी जाने वाली जानकारी के कुछ उदाहरणों को सीधे रिकॉर्ड करना और काउंटर करना आवश्यक है.


4. भारतीय क्षेत्र फिंगर 4 तक का दावा स्पष्ट रूप से गलत है. भारत के क्षेत्र को भारत के नक्शे द्वारा दर्शाया गया है और इसमें 1962 से चीन के अवैध कब्जे के तहत वर्तमान में 43,000 वर्ग किमी से अधिक शामिल हैं.


5. यहां तक ​​कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC), भारतीय धारणा के अनुसार, फिंगर 8 पर है, फिंगर 4 पर नहीं. यही कारण है कि भारत ने चीन के साथ वर्तमान समझ सहित फिंगर 8 तक गश्त का अधिकार बनाए रखा है.


6. पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर दोनों पक्षों के स्थायी पद दीर्घावधि और सुस्थापित हैं. भारतीय पक्ष में, यह फिंगर 3 के पास धन सिंह थापा पोस्ट है और उंगली 8 के पूर्व में चीनी है. वर्तमान समझौते में दोनों पक्षों द्वारा आगे की तैनाती को रोकने और इन स्थायी पदों पर तैनाती जारी रखने का प्रावधान है.


7. भारत ने इस समझौते के परिणामस्वरूप किसी भी क्षेत्र को स्वीकार नहीं किया है. इसके विपरीत, इसने एलएसी के लिए पालन और सम्मान लागू किया है और यथास्थिति में किसी भी एकतरफा परिवर्तन को रोका है.


8. रक्षा मंत्री के बयान ने यह भी स्पष्ट किया कि हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग सहित, संबोधित करने के लिए बकाया समस्याएं हैं. पैंगोंग त्सो विघटन के पूरा होने के 48 घंटे के भीतर बकाया मुद्दों को उठाया जाना है.


9. पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हमारे राष्ट्रीय हित और क्षेत्र की प्रभावी सुरक्षा हो गई है, क्योंकि सरकार ने सशस्त्र बलों की क्षमताओं पर पूरा विश्वास किया है. जो लोग हमारे सैन्य कर्मियों के बलिदान से संभव हुई उपलब्धियों पर संदेह करते हैं, वे वास्तव में उनका अपमान कर रहे हैं.



ये सारी बातें रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में लिखा है. राहुल गांधी के बयानों को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पैंगोग लेक को लेकर भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं.


मतलब साफ है कि वर्तमान में फिंगर 4 भारतीय इलाके में नहीं है. पैंगोग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों पक्ष के जो परमानेंट पोस्ट हैं वो बहुत पुरानी है. भारत की तरफ धन सिंह थापा पोस्‍ट है, जो फिंगर 3 के पास है. चीन की परमानेंट पोस्‍ट फिंगर 8 के पूर्व में है.


भारत का आधिकारिक दावा फिंगर 8 तक रहा है. भारत फिंगर 8 तक पेट्रोल करने का अधिकार जताता रहा है. चीन के साथ बातचीत में इस अधिकार को दोहराया गया. 1962 के बाद 43 हजार वर्ग किमी पर चीन का कब्जा हुआ. वर्तमान समझौते के अनुसार दोनों तरफ से फॉरवर्ड तैनाती की वापसी हो गई है.


राहुल की करतूतों पर छिड़ा घमासान


भाजपा अध्यक्ष जगत प्रराहुल गांधी के वजह से फिर से कांग्रेस (Congress) के सर्कस का एक नया संस्करण सामने आया है. आखिर वो इस झूठ के जरिए ऐसा काम क्यों कर रहे हैं जिससे भारत को नुकसान हो? क्या यह कांग्रेस और चीन के MoU का हिस्सा है? सशस्त्र बलों के साथ विघटन रणनीति का नेतृत्व करते हुए, क्या यह हमारी बहादुर सेनाओं का अपमान नहीं है?



मुख्तार अब्बास नकवी-
ये लोग पहली बार ऐसा नहीं कर रहे हैं, जब पाकिस्तान में आतंकी का सफाया किया था तब सबूत मांगे जा रहे थे. कुंद बुद्धि से ज्यादा कुछ नहीं कह सकते. पप्पू जी का कमाल है, इसका कोई रास्ता नहीं है. संसद में रक्षा मंत्री ने बयान दिया है. कहीं और से सुपारी लेकर देश को बदनाम कर रहे हैं. इसका तो कोई इलाज नहीं है.


मनोज तिवारी-
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है, इसके लिए उन्होंने देश से लेट कर माफी मांगनी चाहिए. राहुल गांधी का बयान देश का ही अपमान नहीं है देश के सैनिकों का भी अपमान है. राहुल गांधी पप्पू हैं बैल बुद्धि वाले आदमी हैं, उनको पहले क्लास जॉइन करवानी चाहिए सैनिक स्कूल में तभी उनको ज्ञान आएगा.


जी किशन रेड्डी-
कौन कायर है, कौन नहीं.. ये देश की जनता जानती है. चीन को जमीन किसने दी है ये राहुल गांधी नेहरू जी से पूछे. कौन कायर है कौन देशभक्त.. ये देश की जनता जानती है.


सिद्धार्थ नाथ-
राहुल गांधी प्रधानमंत्री के आगे नेहरू पढ़ना भूल गए थे. राहुल गांधी के बयान की घोर निंदा करता हूं. अगर राहुल के नाम के आगे गांधी निकाल दिया जाए तो राहुल गांधी को कौन जानता है? राहुल जी निकल जाए सड़क पर पता चल जाएगा.


अनिल विज-
राहुल गांधी बार बार देश को अपमानित करते हैं. हमारी सेना और सैन्य शक्ति को डिमोरलाइज करते हैं. जो कुछ यह बोलते हैं उससे लगता है यह भारतीय नागरिक न हो करके चीन के प्रवक्ता हो.


नवाब मलिक-
एक इंच भी जमीन चीन ने नहीं ली है. देश स्वीकार नहीं करेगा, सैटलाइट पिक्चर बताती हैं. गांव बसा लिए हैं. हमें लगता है कि चीन ने जमीन हड़पी है. अतिक्रमण को तो रक्षामंत्री ही बढ़ावा दे रहे हैं.


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अक्सर ऐसा होता है कि राहुल गांधी के पास जब कोई मुद्दा नहीं बचता है तो वो बिना बेबुनियाद आरोप लगाकर अपनी छाती पीटने लगते हैं. कुछ ऐसा ही उन्होंने राफेल को लेकर किया थाा. खूब नौटंकी हुई, संसद में राहुल का अनलिमिटेड ड्रामा चला. कुछ ऐसा ही ट्रिक उन्होंने इस बार भी अपनाया है, जमीन दे दी-जमीन दे दी कर रहे हैं.


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