आदत से मजबूर हैं राहुल गांधी, फिर तोड़ी संसद की मर्यादा

कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने एक बार फिर संसद की मर्यादा को तार-तार कर दिया. उन्होंने बिना स्पीकर के अनुमति के किसानों की मौत पर संसद में दो मिनट का मौन रखवा दिया. वो बार-बार सदन में ऐसी हरकतों को अंजाम देते हैं.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Feb 11, 2021, 09:33 PM IST
  • राहुल गांधी ने तोड़ी संसद की मर्यादा
  • किसानों की मौत पर दो मिनट का मौन
  • सदन चलाने की जिम्मेदारी मेरी: स्पीकर
आदत से मजबूर हैं राहुल गांधी, फिर तोड़ी संसद की मर्यादा

नई दिल्ली: लोकसभा को चलाने की जिम्मेदारी किसकी है? लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की या फिर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की? आप सोच रहे होंगे कि ये सवाल आखिर क्यों उठा? जिसका जवाब देना बेहद आसान है.

राहुल गांधी को क्यों नहीं समझ आता?

हर किसी को लोकसभा को चलाने की जिम्मेदारी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की है, लेकिन ये बात कांग्रेस और राहुल गांधी क्यों नहीं समझते? राहुल ना तो देश की संसदीय मर्यादा का मान रख पाते हैं, ना अपनी बात का मान रख पाते हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने संसद की मर्यादा का उल्लंघन किया है. लोकसभा में राहुल गांधी ने स्पीकर की अनुमति के बिना किसानों की मौत पर दो मिनट का मौन रखवाया. जिसके बाद स्पीकर ने कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी मेरी है.

राहल गांधी ने आज संसद में बिना अनुमति 2 मिनट के मौन का ऐलान कर दिया, लेकिन खुद सिर्फ 32 सेकेंड का मौन रखकर सीट पर बैठ गए. यानी राहुल गांधी 120 सेंकेड का मौन रखवाते हैं, लेकिन खुद 32 सेकेंड भी मौन नहीं रख पाते.

तो क्या पटलूराम हैं राहुल गांधी?

राहुल गांधी जो कहते हैं, वो बिल्कुल नहीं करते. राहुल गांधी के इसी असंसदीय स्टंट के बाद लोकसभा अध्यक्ष को कहना पड़ा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी मुझे दी गई है. संसद में राहुल ने पहले कहा बजट पर बोलूंगा और 5 मिनट बाद ही अपनी बात से ये कहते हुए पलट गए कि बजट पर नहीं बोलूंगा.

आदत से मजबूर हैं राहुल बाबा!

राहुल गांधी की ये पुरानी आदत रही है कि वो संसद की गरिमा को तार-तार करते हैं. वो अक्सर ऐसी हरकतें कर देते हैं जिससे वो हंसी के पात्र बन जाते हैं. ऐसे ढेर सारे किस्से हैं, जो ये बताने के लिए काफी हैं कि राहुल की ये आदत बन चुकी है.

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संसद में आंख मारते हैं राहुल

राहुल गांधी की आंखे उनकी काबू में नहीं रहती हैं, तभी तो संसद में जब सीरियस मुद्दे पर चर्चा होती है तो उनकी नैन बेकाबू हो जाती है. पहली बार उन्होंने उस वक्त आंख मारी जब वो ये स्वीकार कर रहे थे कि उनसे गलतियां होती है.

दरअसल, राहुल गांधी सदन में अचानक अपने स्थान से खड़े होते हैं और पीएम मोदी को जाकर गले लगा लेते हैं और फिर वो अपनी सीट पर आकर बैठते हैं तो आंख मार देते हैं.

इसके बार जब संसद में राफेल के मुद्दे पर बहस हो रही थी तो उनकी आंखे अचानक से आपना आपा खो देती हैं और उन्होंने एक बार फिर संसद में आंख मार दी. संसद में आंख मारना या फिर पीएम मोदी को गले लगाना, राहुल की ये पुरानी आदत है. एक बार फिर उन्होंने संसद की मर्यादा को तोड़कर ये साबित कर दिया है कि वो आदत से मजबूर हैं.

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