नई दिल्ली: किसान आंदोलन धीरे-धीरे अब सियासत का अड्डा बनता जा रहा है. राकेश टिकैत ने अपनी ठेकेदारी चमकाने के लिए नई-नई पैंतरेबाजी को हथियार बना लिया है. राजस्थान के चुरू में टिकैत की जुबान ने फिर जहर उगला.
आखिर यही तो चाहते हैं टिकैत?
राजस्थान के चूरू में आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत शामिल हुए, उनके साथ कांग्रेस के दो विधायक भी मंच पर मौजूद रहे. चुरू में किसान नेता राकेश टिकैत का जोरदार स्वागत किया गया. पारंपरिक तरीके से माला पहनाकर स्वागत किया गया.
राकेश टिकैत बक्कल उतारेंगे और जब उनकी दुकान बंद होने वाली रहेगी तो वो आंसू बहा देंगे. तभी तो राकेश टिकैत खुद को किसान नेता बता रहे हैं, मगर क्या वो किसान हैं या फिर धोखेबाज नेता? उनको यही तो चाहिए था कि वो खूब पॉपुलर हो जाएं और उनका फूल माला से स्वागत किया जाए.
अजब गजब मंसूबा पालने वाले टिकैत की सियासी चालबाजी इस तरह भी सामने आ गई कि उन्होंने राजस्थान की महापंचायत में कांग्रेसियों के साथ किसानों का मंच साझा किया. टिकैत के समर्थन में कांग्रेस खुलकर उतर आई है.
तो क्या राजनीति में आने वाले हैं टिकैत?
पूर्व नेता प्रतिपक्ष नेता रामेश्वर डूडी, कांग्रेस विधायक नरेंद्र बुड़ानिया, कृष्णा पुनिया टिकैत के स्वागत में बाहें फैलाए खड़े थे. कोमरेड विधायक बलवान पुनिया, गिरधारीलाल महियां भी मंच पर मौजूद थे.
कांग्रेस नेता और विधायकों ने किया राकेश टिकैत का स्वागत किया. किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर टिकैत शायद सियासत का मजा लूटने के फिराक में हैं, तभी तो वो तिकड़मबाजी कर रहे हैं.
इस मौके पर राकेश टिकैत ने किसानों पर मुकदमे को लेकर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि मुकदमे ऐसे दर्ज हो रहे हैं जैसे प्रसाद बंट रहा हो, इस सरकार का इलाज किसान करेगा. सरकार की लगाई एक-एक कील काटेगा.
सरकार को नाक फोड़ने की धमकी
राकेश टिकैत ने केन्द्र सरकार को फिर धमकी दी. उन्होंने सरकार को नाक फोड़ने की धमकी दी. टिकैत की हिंसा वाली साजिश फिर से बेनकाब हो गई. किसान आंदोलन कमजोर पड़ता देख टिकैत बौखला गए. उनका कहना है कि ये गरीबों को बर्बाद करने का कानून है.
सरकार बदलने की धमकी दे दी!
कृषि मंत्री के बयान पर राकेश टिकैत ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि भीड़ जुटाने से कानून ही नहीं सरकार भी बदलती है. कृषि मंत्री ने कहा था भीड़ जुटाने से कानून नहीं बदलते. राकेश टिकैत हमला करने में शब्दों की मर्यादा भूले. उन्होंने कहा सरकार का दिमाग खराब हो गया है.
महापंचायत में टिक गए टिकैत!
- सोनीपत: 22 फरवरी
- हिसार: 18 फरवरी
- रोहतक: 17 फरवरी
- करनाल: 14 फरवरी
- बहादुरगढ़: 13 फरवरी
- लक्ष्मणगढ़: 11 फरवरी
- कुरुक्षेत्र: 9 फरवरी
- चरखी दादरी: 7 फरवरी
- जींद: 3 फरवरी
राकेश टिकैत इन दिनों दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर की जगह महापंचायतों में ज्यादा टिकने लगे हैं. बीते 20 दिनों में वो 9 जगहों पर पहले ही महापंचायत कर चुके हैं और किसानों को भड़का चुके हैं.
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दरअसल, जैसे-जैसे दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान खिसकने लगे हैं, वैसे-वैसे राकेश टिकैत अब जगह-जगह जाकर महापंचायतें कर रहे हैं और किसानों को उसका रहे हैं कि दिल्ली आओ. साजिश वाली इन महापंचायतों का सच और प्रपंच अब जनता समझ चुकी है.
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