मुंबई: कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच यस बैंक का संकट शेयर बाजार पर भारी पड़ा है. वित्तीय संकट से जूझ रहे यस बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक ने पैसा निकालने की ऊपरी सीमा निर्धारित कर दी है. इसके तहत खाताधारक अब यस बैंक से 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकेंगे. निकासी की यह सीमा तीन अप्रैल, 2020 तक लागू रहेगी. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स सुबह 857 अंकों की गिरावट के साथ 37,613.96 पर खुला. थोड़ी ही देर में सेंसेक्स 1400 अंक तक टूट गया.
जानिये यस बैंक पर RBI की नकेल की कहानी
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यस बैंक पर सख्ती बरतते हुए इससे निकासी की सीमा 50 हजार रुपये निकासी की सीमा तय की है. आरबीआई का ये आदेश अगले एक महीने के लिए है. एनएसई ने यस बैंक के फ्यूचर और ऑप्शन सौदों पर रोक लगा दी है. इसकी वजह से देश भर के यस बैंक ग्राहकों में डर कायम हो गया है और गुरुवार रात कई शहरों में यस बैंक के एटीएम में ग्राहकों की कतारें देखी गईं.
चेयरमैन बदलने से यस बैंक की हालत हुई खराब
जब से यस बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को हटाया गया तब से बैंक की हालत लगातार खराब होने लगी. आरबीआई को शक था कि यस बैंक एनपीए और बैलेंसशीट में गड़बड़ी कर रहा है. इसके बाद ये कार्रवाई की गई. अगर यस बैंक के इतिहास पर गौर करें तो समझ में आएगा कि आरबीआई को ये शक क्यों हुआ. छोटे से बैंक से शुरू होने वाला यस बैंक पिछले एक दशक में 3 लाख करोड़ का एसेट वाली कंपनी बन गई.
ग्राहकों को ATM से पैसे निकालने में दिक्कत
आरबीआई द्वारा मौद्रिक सीमा निर्धारित करने के बाद से यस बैंक के जमाकर्ताओं को एटीएम से धन निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लंबी कतारों में खड़े ग्राहकों को कहीं मशीनें बंद पड़ी मिलीं तो कहीं एटीएम में धन नहीं था. यस बैंक के ग्राहकों की मुसीबत और बढ़ गई जब उन्हें इंटरनेट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से धन स्थानांतरित करने में भी असुविधा झेलनी पड़ी.
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