Republic Day समारोह में राजपथ पर दिखी राष्ट्र की ताकत

72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्र की सैन्य ताकत भी राजपथ पर दिखी. T-90 भीष्म टैंक, पिनाका रॉकेट सिस्‍टम, ब्रह्मोस का ऑटोनोमस लांचर और शिल्का वेपन सिस्टम ने लोगों को रोमांचित कर दिया. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 26, 2021, 11:42 AM IST
  • ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली के मोबाइल स्वायत (ऑटोनोमस) लांचर ने राजपथ पर अपनी ताकत दिखाई
  • शिल्का वेपन सिस्टम सेना की सैन्य ताकत को बढ़ाने वाला ताकतवर और सटीक एयर डिफेंस सिस्टम है
Republic Day समारोह में राजपथ पर दिखी राष्ट्र की ताकत

नई दिल्लीः देश मंगलवार 26 जनवरी 2021 को अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस दौरान राजधानी दिल्ली स्थित राजपथ रंगारंग झलकियों और झांकियों से सराबोर है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ध्वज फहराते ही गणतंत्र दिवस समारोह का आगाज हो गया. इसके बाद हुई भव्य परेड की शुरुआत. राजपथ पर शुरू हुई परेड में सबसे पहले देश की वह ताकत दिखी, जिसके बल पर भारत दुनिया भर में नई महाशक्ति के तौर पर उभर रहा है. हमारी सैन्य क्षमता को मजबूत बनाने वाले आधुनिक युद्ध हथियारों का प्रदर्शन ऐसा रहा कि रोम-रोम खिल सा उठा. जानिए राजपथ कौन-कौन से युद्धक हथियार दिखाई दिए.  

टी-90 भीष्म टैंक
सबसे पहले राजपथ पर युद्धक टैंक टी-90 (भीष्म) ने अपना दम दिखाया. यह मुख्य युद्धक टैंक, हंटर-किलर सिद्धांत पर कार्य करता है. यह 125 मिमी की शक्तिशाली स्मूथ बोर गन, 7.62 मिमी को-एक्सिल मशीन गन और 12.7 मिमी वायुयानरोधी गन से लैस है.

इस टैंक की क्षमता इतनी है कि इसमें 6 Km दूर मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता,  48 टन वजन, दुनिया के हल्के टैंकों में एक,  दिन और रात में दुश्मन से लड़ने की क्षमता वाला और  मिसाइल हमले को रोकने वाला कवच की भूमिका भी निभाता है. इसमें  शक्तिशाली 1000 हॉर्स पावर का इंजन लगा हुआ है. अभी हाल ही में भारत ने इसे गलवान में संघर्ष के बाद इस टैंक को लद्दाख में तैनात किया है. 

ब्रह्मोस का ऑटोनोमस लांचर 
इसके बाद राजपाथ पर दिखी ब्रह्मोस लांचर की ताकत. 861 मिसाइल रेजिमेंट की ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली के मोबाइल स्वायत (ऑटोनोमस) लांचर ने राजपथ पर अपनी ताकत दिखाई, इसका नेतृत्व कैप्टन कमरूल ज़मान ने किया.  861 रेजिमेंट भारतीय तोपखाना की एक प्रतिष्ठित रेजिमेंट है.

इस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उद्यम से तैयार किया गया है. ब्रह्मोस के नए संस्करण की लंबाई 9 मीटर है और यह एक बार में 200 किग्रा वजनी वारहेड ले जा सकती है.  290 किमी रेंज वाली यह मिसाइल ध्वनि की गति से दोगुनी रफ्तार से वार करने में सक्षम है. ये टार्गेट के करीब पहुंचने से महज 20 किमी पहले भी रास्ता बदल सकने वाली तकनीक से लैस है. 

अपग्रेडेड शिल्का वेपन सिस्टम
शिल्का वेपन सिस्टम भारतीय सेना की सैन्य ताकत को बढ़ाने वाला ताकतवर और सटीक एयर डिफेंस सिस्टम है. जानकारी के मुताबिक  यह जमीन पर 2 किमी तक दुश्मन के ठिकानों को ट्रैक कर सकता है.  और हवा में 2.5 किमी तक ट्रैक कर सकता है. यह थ्रीडी ट्रैकिंग राडार सिस्टम से लैस है.

इसके कारण यह आसमान से आने वाले हर मुसीबत को पहचान कर उसे मार गिराने में सक्षम हैं. 140 एयर डिफेंस रेजिमेंट (सेल्फ प्रोपेल्ड) की कैप्टन प्रीति चौधरी अपग्रेडेड शिल्का वेपन सिस्टम का नेतृत्व किया. कैप्टन चौधरी परेड में सेना की एकमात्र महिला कंटिंजेंट कमांडर रहीं. 

पिनाका फ्री फ्लाइट आर्टिलरी रॉकेट सिस्‍टम
पिनाका एक फ्री फ्लाइट आर्टिलरी रॉकेट सिस्‍टम है. इसकी रेंज 37.5 किलोमीटर है. पिनाका रॉकेट्स को मल्‍टी-बैरल रॉकेट लॉन्‍चर से छोड़ा जाता है.  लॉन्‍चर सिर्फ 44 सेकेंड्स में 12 रॉकेट्स दाग सकता है.  सबसे खास बात है कि पिनाना सनातन परंपरा को भी सम्मान देता है. दरअसल भगवान शिव के धनुष का नाम पिनाक था.

इसी धनुष के नाम पर डेवलप किए गए इस मिसाइल सिस्‍टम को भारत और पाकिस्‍तान से लगी सीमाओं पर तैनात करने के मकसद से बनाया गया है.  इस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उद्यम के रूप में विकसित किया गया है. इसकी अधिकतम सीमा 400 किमी बताई गई है.

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