जयपुर: उपभोक्ताओं को तेजी से आकर्षित कर रही ऑनलाइन कंपनियों के खिलाफ रिटेल दुकानदारों ने अब सड़कों पर उतरने का फैसला किया है.
देश भर में प्रदर्शन का ऐलान
ऑनलाइन ट्रेड में FDI की खामियों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन में जयपुर सहित प्रदेशभर में आठ जनवरी को मोबाइल बाजार बंद रखने का ऐलान किया है. इसके लिए दिल्ली में दुकानदारों का देशव्यापी प्रदर्शन होगा. जिसमें जयपुर के 500 और देशभर से 2500 दुकानदार भाग लेंगे. द राजस्थान सेलुलर एसोसिएशन ने इसका समर्थन किया हैं.
दुकानदारों ने लगाया साजिश का आरोप
खुदरा कारोबारियों ने आरोप लगाया है कि ऑनलाइन कंपनियां घाटा खाकर भी कारोबार कर रही हैं. उनका मकसद रिटेल कारोबारियों की कमर तोड़ना हैं. यह फेयर ट्रेड की श्रेणी में नहीं आता है. यही वजह है कि पूरे राजस्थान प्रदेश की मोबाइल दुकानें आठ जनवरी को नहीं खुलेंगी. इस दिन कारोबारी दिल्ली में विरोध के लिए इकठ्ठा होंगे.
ये है व्यापारियों की मांग
व्यापारियों ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से बिक्री के नियम निर्धारित करने की मांग की है. द राजस्थान सेलुलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील गुप्ता का कहना हैँ कि ऑनलाइन ट्रेडर्स खुदरा कारोबार को प्रभावित कर रहे हैं. अधिक मुनाफे का लालच देकर उत्पाद बिक्री कर रहे हैँ, जबकि उनको घाटा हो रहा है. इनका मकसद रिटेल कारोबारियों को बाजार से हटाना हैं ताकि बाद में बाजार पर मनमानी कीमतें थोप सकें.
देश में बढ़ रहा है ई-कॉमर्स का बाजार
भारत में ई-कॉमर्स बाजार ऑफलाइन खुदरा विकास को तेजी से पीछे छोड़ रहा है और इसके 2028 तक 230 अरब डॉलर को छूने की उम्मीद हैं. इसका असर खुदरा दूकानदारों पर बहुत ज्यादा दिख रहा है. दुकानदारों का आरोप है कि पूरे देश में ऑनलाइन ट्रेड के चलते 40 हजार दूकानें बंद हो गई हैं. 6 लाख लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है. जबकि निर्माता कंपनियां ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विक्रताओं को समान दर पर उत्पाद मुहैया करवाती हैं, इसके बावजूद छूट देकर रिटेल कारोबार को खत्म करने की कोशिश की जा रही है.
एकजुट हो रहे हैं रिटेल कारोबारी
ऑनलाइन कारोबार के खिलाफ दवा, गारमेंट, इलेक्ट्रोनिक्स के बाद अब मोबाइल सेक्टर के खुदरा कारोबारियों ने प्रदर्शन करने का फैसला कियाहै. आठ जनवरी को मोबाइल विक्रेताओं के बंद से मौटे तौर पर 50 करोड़ रुपए का राजस्व और 500 करोड़ रुपए की बिक्री प्रभावित होगी. अगर इस प्रदर्शन के बाद भी केंद्र सरकार ने प्रभावी नियामक कदम नहीं उठाएं तो, आने वाले दिनों में अन्य सेक्टर के प्रभावित रिटेल कारोबारियों से मिलकर बड़े प्रदर्शन की तैयारी करेंगे.