रालोद चुनावी घोषणा पत्र: जयंत ने 22 संकल्प गिनाए, युवाओं को इतनी जॉब देने का वादा

रालोद प्रमुख चौधरी ने घोषणापत्र 'लोक संकल्प पत्र-2022' जारी करते हुए किसानों, मजदूरों, युवाओं और महिलाओं के लिए संकल्प गिनाये. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 31, 2021, 07:32 PM IST
  • तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात की
  • कृषक सम्मान योजना की राशि दोगुनी करने का वादा
रालोद चुनावी घोषणा पत्र: जयंत ने 22 संकल्प गिनाए, युवाओं को इतनी जॉब देने का वादा

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की. उन्होंने एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है.

सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर यहां चारबाग के रवींद्रालय में रालोद प्रमुख चौधरी ने आने वाले विधानसभा चुनाव का घोषणापत्र 'लोक संकल्प पत्र-2022' जारी करते हुए किसानों, मजदूरों, युवाओं और महिलाओं के लिए 22 संकल्प गिनाये. 

उन्होंने कहा कि तीन काले कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात लोक संकल्प का अहम मुद्दा है.

चौधरी ने कहा कि वर्ष 2017 में शपथ लेने के बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने 70 लाख नौकरी देने का वादा किया था और आज पांच साल बाद होर्डिंग लगा रहे हैं कि चार लाख नौकरी दी. 

उन्होंने कहा कि अगर इस असंभव को हमने संभव नहीं बनाया तो प्रदेश का युवा ऐसे ही भटकता रहेगा, इसलिए सरकार बनने पर एक करोड़ युवाओं को नौकरी दी जाएगी.

किसानों से भी किए कई वादे
उन्होंने किसानों को आलू का डेढ़ गुना दाम देने के साथ गन्ना किसानों को लागत का डेढ़ गुना दाम 14 दिनों में भुगतान कराने का वादा किया. चौधरी चरण सिंह कृषक सम्मान योजना लागू करने के साथ ही उन्होंने इस योजना में दोगुना भुगतान करके किसानों को सम्मान देने की बात कही.

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अभी भाजपा सरकार प्रधानमंत्री कृषक सम्मान योजना में प्रतिवर्ष तीन किस्तों में किसानों को छह हजार रुपये दे रही है लेकिन रालोद ने इसे 12 हजार रुपये करने का वादा किया.

और क्या है घोषणा पत्र में
रालोद ने वृद्धावस्था पेंशन की राशि तीन गुना बढ़ाने, सभी भर्तियों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने, किसानों के लिए प्रभावी बीमा योजना, किसानों और बुनकरों के बिजली का पिछला बिल माफ करने और आगे का बिल आधा करने का भी संकल्प लिया. 

इसके अलावा नए कृषि कानूनों के विरुद्ध विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके उसे समाप्त करने, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों और कारीगरों के श्रम की गरिमा सुनिश्चित करने और आर्थिक सहायता प्रदान करने तथा उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले और शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पाने वाले पिछड़े और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति देने की भी घोषणा की गई.

चुनाव से चार महीने पहले आया घोषणा पत्र
चौधरी ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में हमारी पहली राजनीतिक पार्टी है जो चार महीने पहले अपना घोषणापत्र जारी कर रही है और हमारी घोषणापत्र समिति के 20 सदस्यों ने कई लोगों से बात की. मैंने खुद डॉक्टर, वैज्ञानिक, बाहर रह रहे उत्तर प्रदेश के कई लोगों से बात की और लाखों लोगों से संपर्क करके, उनके सुझावों को लेकर अपने घोषणा पत्र का मसौदा तैयार किया है.’’

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