नई दिल्ली: What is ZIRAB: पाकिस्तान की हालत इन दिनों टाइट है. एक तरफ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और दूसरी तरफ बलूच विद्रोहियों ने परेशान कर रखा है. दोनों ही मोर्चों से पाक को कड़ी चुनौती मिल रही है. बीते कुछ दिनों से ऐसी खूब रिपोर्ट्स सामने आईं, जिनमें पाक आर्मी और TTP की ताकत की तुलना की गई. लेकिन बहुत कम लोग हैं जो बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की मजबूती से वाकिफ हैं. इनके पास अपनी खुद की इंटेलिजेंस विंग भी है, जिसका नाम ZIRAB है.
RAW और ISI की तर्ज पर बनी ZIRAB
ZIRAB का पूरा नाम Zephyr intelligence research And analysis bureau है. जैसे भारत के पास RAW यानी Research and Analysis Wing, पाकिस्तान के पास ISI यानी Inter-Services Intelligence है, ठीक उसी तर्ज पर ZIRAB बनाई गई है. इस इंटेलिजेंस विंग को बने हुए अभी 2-3 महीने ही हुए हैं. लेकिन इन्हीं महीनों में कुछ बड़े हमलों में ZIRAB का नाम सामने आ चुका है.
इन हमलों में सामने आया नाम
4 जनवरी, 2025 को बलूचिस्तान के तुर्बत में पाकिस्तानी के सैन्य दल को निशाना बनाया गया. BLA का दावा है कि इसमें 47 सैनिक मारे गए थे. इस हमले को BLA ने ZIRAB की मदद से अंजाम दिया. 9 नवंबर, 2024 को पाकिस्तान के को क्वेटा के रेलवे स्टेशन पर एक आत्मघाती हमला हुआ था. इस हमले में दो दर्जन से अधिक पासितानी सैनिक मारे गए. इस हमले का जिम्मा BLA ने लिया. साथ ही कहा कि घटना को अंजाम देने के लिए रेकी उनके इंटेलिजेंस विंग ZIRAB ने की थी. इससे पहले 4 नवंबर को क्वादरीबाद और 6 नवंबर को बलूचिस्तान के नुष्की में सुरक्षाबलों पर हुए हमले के पीछे भी ZIRAB का ही हाथ बताया गया.
इसमें पढ़े-लिखे पेशेवर लोग
BLA ने जब ZIRAB का आधिकारिक ऐलान किया था तब कहा कि ZIRAB बलूच लिबरेशन आर्मी की एक संगठित और कॉरेडिनेटेड इंटेलिजेंस विंग है. इसमें सैकड़ों प्रोफेशनल, इंफॉरमर, IT एक्सपर्ट्स, रिसर्चर, इंवेस्टिगेटर और डेटा एनालिस्ट यानी कुल जमा पढ़े-लिखे पेशेवर लोग हैं. बलूचिस्तान के शहरों में बेहद कम समय में ZIRAB ने सीक्रेट सेल स्थापित कर लिए हैं.
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