पटना: राजद के बाद महागठबंधन की एक और घटक दल रालोसपा ने एक रैली निकालने का फैसला किया है. इसकी शुरुआत चंपारण से की जाएगी. भाजपा ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि राजद और RLSP सांप नेवले की तरह व्यवहार कर रहे हैं. वहीं जदयू ने कहा कि पहले बचाये अपनी पार्टी को फिर बचायेंगे देश तो अच्छा होगा.
कुशवाहा करेंगे समझो समझाओ देश बचाओ यात्रा
देश में NRC और CAA का विरोध विपक्षी पार्टिया कर रही हैं. वहीं बिहार में भी विपक्ष इसका विरोध कर रहा है लेकिन विपक्ष इस मामले में एक जुट नहीं दिख रहा है. पहले लेफ्ट ने इस पर बिहार बंद किया, फिर राजद ने और अब कांग्रेस और RLSP अपने-अपने तरीके से इसका पार्टी स्तर पर विरोध करेंगी.
जनता के बीच पार्टी के नेताओं की इस हरकत से काफी कंफ्यूजन पैदा हो रहा है. अब 26 दिसंबर से RLSP के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा चंपारण से 'समझो समझाओ और देश बचाओ' यात्रा की शुरुआत करेंने वाले हैं. इस बाबत वे किसी को आमंत्रित करेंगे या नहीं इसकी खबर अभी नहीं मिली है.
अपने ही घटक दल राजद ने कसा तंज
कुशवाहा के इस यात्रा को लेकर महागठबंधने के घटक दलों ने ही तंज कसना शुरू कर दिया है. महागठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी राजद के विधायक राहुल तिवारी ने कहा की अच्छी बात है उपेंद्र कुशवाहा इस यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं.
उनके यात्रा करने से अगर देश बच जाता है तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है ? उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी के शीर्ष नेता हैं. उनको लगता है कि इस यात्रा से लोगों का भला हो सकता है और देश बच सकता है तो सही है, उन्हें करना ही चाहिए.
भाजपा: महागठबंधन में घटक दलों को समझाएं कुशवाहा, देश समझ जाएगा
रालोसपा प्रमुख कुशवाहा के इस यात्रा पर भाजपा ने इसे पॉलटिकल ड्रामा बताया है. प्रवक्ता नवल यादव ने कहा उपेंद्र कुशवाहा मीडिया में बने रहने के लिए ऐसे काम करते रहते हैं. अपनी गठबंधन में जहां हैं और जीरो पर आउट हुए उसको समझें और समझा लें तो फिर राज्य को भी बचा लेंगे और देश को भी बचा लेंगे.
अभी जहां हैं वहीं नहीं समझा पा रहे हैं तो आगे किसी को क्या ही समझा पाएंगे. उपेंद्र कुशवाहा और राजद आपस में ही सांप नेवला का खेल खेलने में लगी हुई है. एक दूसरे पर नेतृत्व की लड़ाई है, इसलिए रैली और यात्रा का ढोंग करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि जब से कुशवाहा NDA से बाहर गए हैं, उन्हें कोई भी नोटिस नही ले रहा है.
जदयू ने कहा महागठबंधन है जबरदस्ती का गठबंधन
जदयू ने महागठबंधन को जबरदस्ती का गठबंधन बता दिया. पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन की मानें तो विरोध के नाम पर दो बंद बिहार को थोपे गए गठबंधन के अंदर जो वर्चस्व की लड़ाई है वह खुलकर सामने आ रही है. अब उपेंद्र कुशवाहा इस यात्रा के जरिए अपने पार्टी को बचाने में लगे हैं, क्योंकि इनकी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता सभी उन्हें छोड़ कर जा रहे हैं.
अब जबकि राजद भी तंज कस रही है तो इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए कुशवाहा कुछ हासिल करना चाह रहे हैं तो जनता से जुड़े न की हवा हवाई के कार्यक्रम करें. इससे RLSP को कोई फायदा होने वाला नहीं है.
विपक्ष को सरकार को घेरने के लिये मुद्दा चाहिए और जिस तरह से लोग सड़क पर उतर रहे हैं NRC और CAA को लेकर, विपक्ष को यह लगने लगा है कि इसका फायदा उन्हें मिलेगा. इसको लेकर विपक्ष की पार्टियां अपने-अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. अब देखना है कि कुशवाहा इसका कितना लाभ उठा पाते हैं