रूस ने बनाई कोरोना की वैक्सीन, राष्ट्रपति पुतिन की बेटी को मिली पहली खुराक

पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जूझ रही है. चीन के द्वारा पूरी दुनिया में फैलाया गया जानलेवा और भीषण खतरनाक वायरस लगातार लोगों की जान निगल रहा है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 11, 2020, 06:02 PM IST
    • वैक्सीन लगने के बाद कोरोना का खतरा नहीं- व्लादिमीर पुतिन
    • पुतिन की बेटी को लगाया गया टीका
    • रूस ने कोरोना वैक्सीन बनाने का किया दावा
रूस ने बनाई कोरोना की वैक्सीन, राष्ट्रपति पुतिन की बेटी को मिली पहली खुराक

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और लगातार इससे रही मौतों के बीच पूरी दुनिया को इस समय इसकी वैक्सीन का इंतजार है. इस बीच रूस से एक राहत भरी खबर आयी है. रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना की वैक्सीन सफलतापूर्वक बना ली है और इसका पहला प्रयोग राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी पर किया गया है. वैक्सीन की पहली खुराक पुतिन की बेटी को दी गयी है.

रूस ने कोरोना वैक्सीन बनाने का किया दावा

आपको बता दें कि वैक्सीन बनाने की इस रेस में रूस बाजी मारता दिख रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया है कि उनके देश ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बना ली है और उसे रजिस्टर्ड भी करा लिया गया है. कोरोना वैक्सीन रजिस्टर्ड कराने वाला रूस दुनिया का पहला देश बन गया है.

पुतिन की बेटी को लगाया गया टीका

अहम बात ये है कि समाचार एजेंसी AFP की जानकारी के मुताबिक, इस वैक्सीन को मॉस्को के गामेल्या इंस्टीट्यूट ने डेवलेप किया है. मंगलवार को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन को सफल करार दिया.  राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि उनकी बेटी ने भी इसका टीका लिया है, पहले उसका बुखार 38 डिग्री था, टीके के बाद ये बढ़ा लेकिन बाद में काबू में आने लगा.

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वैक्सीन लगने के बाद कोरोना का खतरा नहीं- व्लादिमीर पुतिन

रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वैक्सीन से कोरोना वायरस से लंबे समय तक सुरक्षा हो सकेगी. उन्होंने कहा कि वैक्सीन सभी जरूर टेस्ट से होकर गुजरी है. रूस की सरकार ने ऐलान किया है कि इस वैक्सीन को सबसे पहले मेडिकल कर्मचारियों और अध्यापकों को दिया जाएगा. गौरतलब है कि रूस में इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल 18 जून को शुरू हुआ था, जिसमें 38 लोगों ने हिस्सा लिया था.

जिसमें सभी ने वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी हासिल कर ली थी. पहला ग्रुप 15 जुलाई का डिस्चार्ज किया गया, जबकि दूसरा ग्रुप 20 जुलाई को छोड़ा गया.

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