'सेंगोल' को छड़ी बनाकर आनंद भवन में रखा, यह सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक: PM मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आपकी सेवक’ और हमारी सरकार ‘सेंगोल’ को प्रयागराज के आनंद भवन से निकालकर ले आई है. आनंद भवन नेहरू परिवार का निवास स्थान था, जिसे एक संग्रहालय में बदल दिया गया है. मोदी ने कहा कि ‘सेंगोल’ की अहमियत न सिर्फ इसलिए है, क्योंकि यह 1947 में सत्ता हस्तांतरण का पवित्र प्रतीक था, बल्कि यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पूर्व-औपनिवेशिक भारत की गौरवशाली परंपराओं को स्वतंत्र भारत के भविष्य से जोड़ता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 27, 2023, 11:54 PM IST
  • सेंगोल के महत्व पर बोले पीएम.
  • कहा- यह सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक.
'सेंगोल' को छड़ी बनाकर आनंद भवन में रखा, यह सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक: PM मोदी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर जबदस्त निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि 1947 में अंग्रेजों से सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक ‘सेंगोल’ (राजदंड) को आजादी के बाद उचित सम्मान मिलना चाहिए था, लेकिन इसे प्रयागराज के आनंद भवन में ‘छड़ी’ के रूप में प्रदर्शित किया गया. मोदी ने रविवार को नये संसद भवन के उद्घाटन की पूर्व संध्या पर अपने आवास पर तमिलनाडु के अधीनम (पुजारियों) से ‘सेंगोल’ प्राप्त करने के बाद यह टिप्पणी की.

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आपकी सेवक’ और हमारी सरकार ‘सेंगोल’ को प्रयागराज के आनंद भवन से निकालकर ले आई है. आनंद भवन नेहरू परिवार का निवास स्थान था, जिसे एक संग्रहालय में बदल दिया गया है. मोदी ने कहा कि ‘सेंगोल’ की अहमियत न सिर्फ इसलिए है, क्योंकि यह 1947 में सत्ता हस्तांतरण का पवित्र प्रतीक था, बल्कि यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पूर्व-औपनिवेशिक भारत की गौरवशाली परंपराओं को स्वतंत्र भारत के भविष्य से जोड़ता है.

मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद पवित्र ‘सेंगोल’ को अगर उचित सम्मान और दर्जा दिया जाता, तो अच्छा होता, लेकिन इसे प्रयागराज के आनंद भवन में ‘छड़ी’ के तौर पर प्रदर्शित करने के लिए रख दिया गया. उन्होंने कहा कि 1947 में अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक को लेकर सवाल खड़ा हुआ था और सी राजगोपालाचारी और अधीनम के मार्गदर्शन में ‘सेंगोल’ के माध्यम से प्राचीन तमिल संस्कृति से सत्ता हस्तांतरण का पवित्र जरिया खोजा गया था.

सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में बनाया गया
प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर 1947 में तिरूवदुतुरई के अधीनम ने विशेष ‘सेंगोल’ बनाया था. मोदी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि भारत की महान परंपरा के प्रतीक ‘सेंगोल’ को नये संसद भवन में स्थापित किया जाएगा.' कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया था कि इस बात का कोई दस्तावेज़ी सबूत नहीं है कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालचारी और जवाहरलाल नेहरू ने ‘सेंगोल’ को ब्रिटेन से भारत को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बताया हो.

'स्वतंत्रता में तमिलनाडु के लोगों के योगदान को पूरा महत्व नहीं मिला'
मोदी ने कहा, 'हम सभी हमारे स्वतंत्रता संग्राम में तमिलनाडु की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानते हैं.' प्रधानमंत्री ने कहा कि हर युग में, तमिलनाडु भारतीय राष्ट्रवाद का केंद्र रहा है. उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु के लोगों में हमेशा सेवा की भावना थी. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत की स्वतंत्रता में तमिलनाडु के लोगों के योगदान को वह महत्व नहीं दिया गया, जो दिया जाना चाहिए था.'

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