नई दिल्ली: नेताजी स्वतंत्रता संग्राम की अनुपम विरासत हैं. 23 जनवरी, 1897 को कटक में जन्मे सुभाष ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया. देश के भीतर आम जनता में आजादी का जज्बा जितना उन्होंने पिरोया ऐसा महात्मा गांधी के बाद करने वाले वो इकलौते राज नायक थे. आज भी 23 जनवरी है, यानी नेताजी की जयंती हैं. आइये हम नेताजी के परिवार के बारे में जानते हैं.
जर्मनी में राजनीतिक तौर पर सक्रिय हैं उनकी बेटी
नेताजी सुभाषचंद्र बोस की बेटी अनिता बोस फाफ जर्मनी में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर रह चुकी हैं. इसके साथ ही वह अपने पति के साथ जर्मन की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं.
हिन्दू रीतिरिवाजों के अनुसार किया है बच्चों का नामकरण
नेताजी सुभाषचंद्र बोस और एमिली शेंकल की एकमात्र संतान अनिता बोस ने अपने बच्चों के नाम पूर्णतः हिन्दू रीतिरिवाजों के अनुसार रखें हैं. अपने एक बेटे और दो बेटियों का नाम उन्होंने क्रमशः अरुण, कृष्ण और माया रखा है.
अनिता बोस फाफ आज भी अपने पिता को याद करते हुए गर्व से भर जाती हैं. स्वतंत्र भारत में आजाद हिंद फौज के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर वो अपने विचार जाहिर कर चुकी हैं. उन्होंने ने बताया था कि 'भारत सरकार ने आजाद हिंद फौज के साथ जिस तरह का व्यवहार किया वह शर्मनाक था.' उन्हें इस बात का कहीं न कहीं अफसोस जरूर है कि आजादी के योगदान में सरकार ने उनके पिता के बलिदानों को उचित सम्मान नहीं दिया है. वहीं भारत की आम जनता में नेताजी को लेकर आज भी जो प्रेम और सम्मान है उससे उन्हें गर्व की अनुभूति होती है.
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