Loan moratorium: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, बैंकों ने अगर लिया है ब्याज पर ब्याज तो लौटाना पड़ेगा पैसा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए कहा है कि यदि बैंकों ने मोरेटोरियम अवधि के दौरान ग्राहकों से ब्याज पर ब्याज लिया है, तो उन्हें इसे ग्राहक को वापस करना पड़ेगा अथवा उसे एडजस्ट करना पड़ेगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 23, 2021, 02:41 PM IST
  • कोर्ट ने कर्जदारों को दी राहत
  • नहीं बढ़ेगी लोन मोरेटोरियम की अवधि
Loan moratorium: सुप्रीम कोर्ट  का बड़ा फैसला, बैंकों ने अगर लिया है ब्याज पर ब्याज तो लौटाना पड़ेगा पैसा

नई दिल्ली: बीते दिनों में लोन मोरेटोरियम के मामलों से जुड़ी हुई कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं. 

कोरोना महामारी के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक ने (RBI) ने कर्जदारों को राहत देते हुए 6 महीने के लोन मोरेटोरियम देने का ऐलान किया था. 

केंद्र सरकार ने 27 मार्च, 2020 को लोन मोरेटोरियम की घोषणा की थी. इसमें बताया गया था कि कोरोना महामारी के कारण सभी आर्थिक गतिविधयां प्रभावित हुई हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए 1 मार्च से 1 मई, 2020 तक की अवधि के लिए लोन मोरेटोरियम की घोषणा कीगई थी. बाद में इसकी अवधि 31 अगस्त, 2020 तक बढ़ा दी गई थी.

लोन मोरेटोरियम की अवधि के दौरान कर्जदारों को इस काल में लोन की ईएमआई न जमा करने की छूट प्रदान की गई थी. 

छह महीने की इस अवधि के बाद जब लोन मोरेटोरियम की अवधि खत्म हो गई, तो कई बैंकों ने ग्राहकों से इस अवधि के दौरान लगे ब्याज पर भी ब्याज वसूला. 

जिसे लेकर कई कर्जदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं. 

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम के मामले पर जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, एम.आर. शाह और संजीव खन्ना की पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि हम सरकार के दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर लोन मोरेटोरियम की अवधि के दौरान ईएमआई पर लगने वाले ब्याज को माफ किए जाने के तर्क को भी नहीं समझ पा रहे हैं. 

गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पहले कोर्ट में हलफनामा दायर किया था कि लोन मोरेटोरियम की अवधि के दौरान दो करोड़ रुपये तक के लोन की ईएमआई पर लगने वाले ब्याज का भुगतान केंद्र सरकार करेगी. 

कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात पर भी जोर दिया कि वह व्यापार और वाणिज्य के मामलों का विशेषज्ञ नहीं है. हम एक सीमा तक ही इस तरह के आर्थिक मामलों में दखल दे सकते हैं. 

यह भी पढ़िए: शराब पीने से हुई मौत पर नहीं मिलेगी बीमा राशि, सुप्रीम कोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण फैसला

कर्जदारों को मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा है कि बैंक इस अवधि के दौरान लगाए गए ब्याज पर ब्याज नहीं लगा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कर्जदारों को बड़ी राहत मिली है. 

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर किसी बैंक ने ग्राहकों से लोन मोरेटोरियम की अवधि के दौरान लगाए गए ब्याज पर ब्याज की वसूली की है, तो उसे यह ब्याज की राशि ग्राहकों को वापस करनी पड़ेगी. 

बैंक अगर चाहें, तो अगली ईएमआई में भी इस ब्याज की राशि को एडजस्ट कर सकते हैं. 

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने से भी इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा, हम कर्जदारों को किसी और तरह की राहत नहीं दे सकते हैं. 

कोर्ट ने कहा कि सरकार छोटे कर्जदारों का कर्ज पहले ही माफ कर चुकी है, इसलिए अब और राहत की कोइ गुंजाइश नहीं है. 

कोरोना महामारी के कारण सिर्फ कर्जदारों को ही नहीं बैंकों को भी भारी नुकसान हुआ है, इसलिए इस ब्याज को पूरी तरह माफ नहीं किया जा सकता.

बैंकों को अपने ग्राहकों को बहीखातों पर ब्याज उपलब्ध कराना होता है. अगर बैंक कर्जदारों से ब्याज नहीं वसूल करती हैं, तो वे अपने ग्राहकों को भी ब्याज नहीं उपलब्ध करा पाएंगी.

यह भी पढ़िए: Bank Holiday: अप्रैल में 13 दिन बंद रहेंगे बैंक, देखिए पूरी अवकाश सूची

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

 

ट्रेंडिंग न्यूज़