नई दिल्ली: 5 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया, जिसके बाद राम मंदिर निर्माण का रास्ता खुल गया. अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. CBRI रुड़की और IIT मद्रास ने निर्माण कार्य शुरू किया है.
36 से 40 महीने में पूरा होगा मंदिर निर्माण
मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी ने मिट्टी का परीक्षण किया है. अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण 36 से 40 महीने में पूरा होगा और इसका प्राचीन पद्धति से निर्माण किया जाएगा. इसमें कोई लोहे का प्रयोग नहीं होगा, मंदिर किसी भी आपदा में सुरक्षित रहने वाला बनेगा.
राम मंदिर निर्माण को लेकर अहम बैठक
दिल्ली में राम मंदिर निर्माण को लेकर अहम बैठक हुई. राम मंदिर भवन निर्माण समीति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में आज मंदिर निर्माण को लेकर बैठक हुई. बैठक में RSS के सरकार्यवाह भैया जी जोशी, IIT मद्रास, CBRI रुड़की और मंदिर निर्माण करने वाले कंपनी समेत 10 प्रतिनिधि मौजूद थे. बैठक में फैसला हुआ है कि मंदिर निर्माण पूरा होने तक प्रोग्रेस रिपोर्ट के लिए रोज़ मीटिंग होगी. बैठक में निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए चर्चा हुई. बैठक में इसमें तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के अलावा वास्तु शास्त्री भी मौजूद रहे
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने दी जानकारी
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरु हो गया है. इसकी जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने Tweet करके दी है. ट्रस्ट ने बताया है, कि मंदिर निर्माण में 36 से 40 महीने का वक़्त लगेगा. ट्रस्ट ने कहा है, श्रीराम मंदिर निर्माण भारत की प्राचीन पद्धति से किया जा रहा है, ताकि हज़ारों साल में भी मंदिर को भूकंप आपदा से नुकसान ना हो.
श्री रामजन्मभूमि मन्दिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह सहस्त्रों वर्षों तक न केवल खड़ा रहे, अपितु भूकम्प, झंझावात अथवा अन्य किसी प्रकार की आपदा में भी उसे किसी प्रकार की क्षति न हो। मन्दिर के निर्माण में लोहे का प्रयोग नही किया जाएगा।
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 20, 2020
साथ ही ट्रस्ट ने ट्वीट में ये लिखा कि "मन्दिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा. निर्माण कार्य हेतु 18 इंच लम्बी, 3 mm गहरी और 30 mm चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता पड़ेगी. श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र श्रीरामभक्तों का आह्वान करता है कि तांबे की पत्तियां दान करें."
इन तांबे की पत्तियों पर दानकर्ता अपने परिवार, क्षेत्र अथवा मंदिरों का नाम गुदवा सकते हैं। इस प्रकार से ये तांबे की पत्तियां न केवल देश की एकात्मता का अभूतपूर्व उदाहरण बनेंगी, अपितु मन्दिर निर्माण में सम्पूर्ण राष्ट्र के योगदान का प्रमाण भी देंगी।
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 20, 2020
अगले ट्वीट में लिखा कि "इन तांबे की पत्तियों पर दानकर्ता अपने परिवार, क्षेत्र अथवा मंदिरों का नाम गुदवा सकते हैं. इस प्रकार से ये तांबे की पत्तियां न केवल देश की एकात्मता का अभूतपूर्व उदाहरण बनेंगी, अपितु मन्दिर निर्माण में सम्पूर्ण राष्ट्र के योगदान का प्रमाण भी देंगी."
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की राम वाली चुनावी चाल
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 76वीं जयंति पर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में विज्ञापन छपवाए है. विज्ञापन में दावा किया गया है कि राजीव गांधीं ने ही अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी थी, राजीव ने ही 1985 में रामायण सीरियल शुरु कराया और 1989 में राम जन्मभूमि का शिलान्यास कराया था. बीजेपी ने कहा है, हमेशा श्रीराम से दूरी बनाने वाली कांग्रेस को मध्यप्रदेश में इसलिए राम याद आ रहे हैं, क्योंकि प्रदेश में उपचुनाव आने वाले हैं.
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