मुजफ्फरनगरः लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाकर 21 करने को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कुछ हलकों में इसका विरोध हो रहा है तो कुछ इसके समर्थन में हैं. इसी कड़ी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खापों ने शादी की उम्र बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले का कड़ा विरोध जताया है.
'निजी जीवन में दखल न दे सरकार'
खाप नेताओं ने कहा कि इस फैसले से महिलाओं के खिलाफ अपराध में इजाफा होगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को लोगों के निजी जीवन में दखल नहीं देना चाहिए.
बीकेयू नेता और बलियां खाप के प्रमुख नरेश टिकैत ने कहा, "माता-पिता को यह तय करने का एकमात्र अधिकार होना चाहिए कि उनकी बेटियों की शादी कब की जाए."
उन्होंने आगे कहा कि इस मामले पर चर्चा के लिए जल्द ही सभी खापों की 'महापंचायत' बुलाई जाएगी.
'18 की उम्र में शादी करने में क्या हर्ज है'
उन्होंने कहा कि जब एक लड़की 18 साल की हो जाती है, तो उसकी शादी में क्या हर्ज है. इस उम्र में लड़कियों को भी वोट देने की इजाजत है.
थंबा खाप ने की उम्र घटाने की वकालत
थंबा खाप के चौधरी बृजपाल ने कहा कि इस फैसले से समाज में अपराध बढ़ेगा. लड़कियों की शादी 16 साल की उम्र में कर देनी चाहिए.
बता दें कि बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली और कैराना में थंबा खाप के 50,000 से अधिक सदस्य हैं.
पुरुषों-महिलाओं की उम्र बराबर लाने का प्रयास
दरअसल, पिछले दिनों लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगी थी. अब मौजूदा कानून में संशोधन किया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार संसद में प्रस्ताव पेश करेगी.
देश में पुरुषों के लिए शादी की कानूनी उम्र 21 साल है. इस फैसले के साथ सरकार पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए शादी की उम्र को बराबर लाई गई है.
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