नई दिल्ली: क्या twitter जैसी संस्थाओं का क्या अब एकाउंट पूरी तरह से ब्लॉक करने करने का वक्त आ गया है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि twitter ने भारत के खिलाफ जाकर भारत के ही कानून मंत्री को धमकाने की कोशिश की है.
भारत में अमेरिकी कानून चलाने की कोशिश की. और ऐसा करके twitter ने सीधे-सीधे भारत के सम्मान पर आघात करने की कोशिश की है. सबसे पहले आपको बताते हैं कि भारत से कमाने वाले twitter ने कैसे भारतीयों को आंख दिखाने की कोशिश की है.
ट्विटर की इस करतूत का भुगतना पड़ेगा खामियाजा
1. twitter ने 1 घंटे के लिए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का एकाउंट ब्लॉक किया, मतलब ये कि twitter ने भारत के कानून मंत्री को ही कानून पढ़ाने की कोशिश की.
2. twitter ने अमेरिकी कानून का हवाला देकर क़ानून मंत्री का एकाउंट ब्लॉक किया, मतलब ये कि twitter भारत में अमेरिका कानून चलाना चाहता है.
3. twitter के मुताबिक कंपनी पॉलिसी के उल्लंघन की वजह से रविशंकर प्रसाद का एकाउंट ब्लॉक किया गया, मतलब ये है कि twitter का ये कहना गलत है कि वो अभिव्यक्ति की आजादी का प्लेटफॉर्म है.
4. केंद्रीय IT मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि twitter की ये act कानून का उल्लंघन है, मतलब ये कि अब twitter के खिलाफ केंद्र सरकार कोई बड़ा एक्शन ले सकती है.
5. रविशंकर प्रसाद के मुताबिक twitter ने उनका एकाउंट ब्लॉक करने से पहले कोई नोटिस नहीं दिया, मतलब ये कि twitter को अभिव्यक्ति की आज़ादी से कोई मतलब नहीं, वो सिर्फ़ अपना एजेंडा चलाना चाहता है.
ट्विटर इन बातों को अच्छे से समझ ले
यहां ट्विटर को ये समझने की आवश्यकता है कि अमेरिका का कानून वैश्विक कानून नहीं है. यदि अमेरिका दुनिया पर दादागिरी दिखाएगा और अमेरिकी कंपनी भी इस कदम बेगलाम हो जाएगी तो ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
ट्विटर रूल ऑल लॉ की बात करती है तो क्या कंपनी ये समझने लगी है कि हम सबसे बड़े हैं जो मन करेगा वो करेंगे. ऐसी मनमर्जी कैसे बर्दाश्त की जा सकती है. जितनी आबादी अमेरिका की है उससे ज्यादा भारत में इंटरनेट यूजर्स हैं, ऐसे में इंडियन की बात करनी होगी. बिजनेस करना है तो ऐसा नहीं कर सकते. पब्लिक इंटरेस्ट का ख्याल रखना ही होगा.
twitter की किस-किस को चुनौती?
twitter ने गैरकानूनी ढंग से केंद्रीय कानून मंत्री का एकाउंट ब्लॉक करके पूरे देश को एक साथ चुनौती दी है. twitter की ये चुनौती भारत सरकार, भारतीय कानून, भारतीय लोकतंत्र, भारतीय संप्रभुता और 137 करोड़ भारतीय को है.
यानी ये माना जा सकता है कि भारत में twitter अब डिजिटल दादागीरी पर उतर आया है तो क्या अब वक्त आ गया है कि भारत में twitter का एकाउंट पूरी तरह से सस्पेंड कर देना चाहिए.
twitter ने आज हद पार कर दी?
twitter ने 'डिजिटल दादागीरी' में आज सभी हदें पार कर दी. twitter ने आज केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का एकाउंट 1 घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया.
वो भी नियमों के खिलाफ, बिना नोटिस दिए इसके लिए twitter ने अमेरिका के नियमों का हवाला दिया. twitter के मुताबिक रविशंकर प्रसाद ने अमेरिका के 'डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट' का उल्लंघन किया.
twitter ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए रविशंकर प्रसाद के इंटरव्यूज़ की वीडियो क्लिप्स को अमेरिकी कानून का उल्लंघन माना. twitter ने ZEE मीडिया को दिए इस इंटरव्यू को भी कॉपीराइट एक्ट की श्रेणी में रखा. इस इंटरव्यू को रविशंकर प्रसाद ने शेयर किया था.
ट्विटर के जो fact checkers है वह कौन है? ये fact checkers कैसे appoint होते हैं? उनके appoint करने की क्या प्रक्रिया है ? इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है। जो मुझे मालूम है कि इनके fact checkers वे है जो @narendramodi जी से नफरत करते हैं। pic.twitter.com/ogb5jQkvFS
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 19, 2021
सवाल ये है कि इस इंटरव्यू को सोशल मीडिया पर शेयर करने पर जब ZEE मीडिया को कोई आपत्ति नहीं है. तो बिना किसी के आपत्ति जताए, twitter ने क्यों एक्शन लिया. twitter की इसी डिजिटल दादागीरी की जानकारी रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo पर दी.
उन्होंने कहा दोस्तों, आज कुछ बहुत ही अनोखा हुआ. ट्विटर ने लगभग एक घंटे तक मेरा अकाउंट ये कहते हुए ब्लॉक कर दिया कि अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन हुआ है. उसके कुछ देर बाद उन्होंने मेरा अकाउंट अनब्लॉक कर दिया. ट्विटर का ये कदम IT कानून 2021 के नियम 4(8) का उल्लंघन है. जहां उन्होंने मेरा अकाउंट ब्लॉक करने से पहले मुझे कोई जानकारी नहीं दी.
ये स्पष्ट है कि ट्विटर की मनमानी को लेकर मेरे बयानों ने खासतौर से टीवी चैनल्स पर दिये मेरे इंटरव्यू और उसके जबरदस्त प्रभाव ने ट्विटर के पर कतर दिये हैं. इसके अलावा पिछले कई सालों में किसी भी टेलीविजन चैनल या किसी एंकर ने सोशल मीडिया पर साझा किये गये मेरे इंटरव्यू के वीडियो क्लिप को लेकर कॉपीराइट उल्लंघन की शिकायत नहीं की है. ट्विटर के इस कदम से साफ है कि वो फ्री स्पीच के समर्थक नहीं हैं.
twitter की ये डिजिटल दादागीरी उस वक्त से जारी है, जब twitter ने लालकिला हिंसा को अभिव्यक्ति की आजादी कहा, केंद्र सरकार के कहने पर भी twitter ने कई आरोपियों के एकाउंट ब्लॉक नहीं किए. गाजियाबाद के मुस्लिम बुजुर्ग की दाढ़ी काटने को लेकर सांप्रदायिक अफवाहों को भी twitter ने मंच दिया और twitter किसी अफवाह की ज़िम्मेदारी लेने को तैयार नहीं.
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यानी twitter की दिलचस्पी सिर्फ अपना एजेंडा चलाने में है और twitter ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का एकाउंट ब्लॉक करके संदेश दिया है कि वो भारत में अपनी मर्जी चलाना चाहता है और जो उसकी मर्जी से ना चले, वो उसे ब्लॉक कर देगा.
भारत में बेलगाम हो रहा है ट्विटर?
क्या twitter भारत सरकार को धमका रहा है? केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का एकाउंट ब्लॉक करने का मतलब क्या है. बिना नोटिस दिए 1 घंटे तक twitter एकाउंट ब्लॉक किया और अमेरिकी कानून का हवाला देकर भारत में कार्रवाई की. ये ट्विटर की बेलगामी नहीं तो और क्या है?
डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट
ये अमेरिका का कॉपीराइट एक्ट है. अक्टूबर 1998 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने कानून लागू किया था. कानून का मकसद कंटेंट को चोरी से बचाना बताया गया. DMCA कंटेंट चोरी होने पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई में मदद करता है. इसके तहत सभी डिजिटिल प्रोडक्ट जैसे ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट कंटेंट आते हैं. ब्लॉग लिखने वाले या कंटेंट क्रिएटर इस कानून का सहारा लेते हैं. बिना इजाजत कंटेंट कॉपी करने पर DMCA के तहत शिकायत की जा सकती है.
डिजिटल दादागीरी पर twitter की सफाई
ट्विटर का कहना है कि 'एक tweet को लेकर हमें शिकायत मिली. शिकायत 'अमेरिकी डिजिटल मीडिया एक्ट' के तहत मिली. अमेरिकी कॉपीराइट पॉलिसी के तहत एकाउंट ब्लॉक किया. कॉपीराइट की शिकायत हमें copyright owner ने भेजी.'
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