एक हजार से ज्यादा हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवा चुके रैकेट का भंडाफोड़, पाकिस्तान की ISI करती थी फंडिंग

यूपी एटीएस ने दो लोगों को दबोचा, ईडी कर सकती है फंडिंग की जांच  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 21, 2021, 03:19 PM IST
  • मूक, बधिरों और महिलाओं को बनाते थे निशाना
  • कई और लोगों पर गिर सकती है इसकी गाज
एक हजार से ज्यादा हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवा चुके रैकेट का भंडाफोड़, पाकिस्तान की ISI करती थी फंडिंग

लखनऊः उत्तर प्रदेश के लखनऊ से इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आई है. यूपी एटीएस (ATS) ने मूक बधिर छात्रों और कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी और शादी करवाने का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले एक जाल का भंड़ाफोड़ किया है. इस मामले में एटीएस ने अबतक दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इन्हें फंडिंग भी कर रही थी.

हजार से ज्यादा लोगों का कराया धर्मांतरण
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये लोग बड़ी संख्या में धर्मांतरण करवा चुके हैं और कई लड़कियों की धर्मांतरण के बाद शादी भी करवा चुके हैं. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर आलम और मोहम्मद उमर गौतम के रूप में हुई है. उमर ने पूछताछ में बताया कि उसने अभी तक एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराया है और बड़ी संख्या में उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है.

दंगा फैलाने की थी साजिश
पाकिस्तान की ओर से ये एक बड़ा जाल बिछाया गया था. बताते हैं कि इन लोगों का मकसद था कि बड़ी संख्या में लोगों का धर्मांतरण कराया जाए और फिर दंगा भड़काने में इन सभी का इस्तेमाल किया जाए.

धर्मांतरण के एवज में लोगों को पैसे, नौकरी और शादी करवाने का लालच दिया जा रहा था. वहीं, इन्हें कैसे फंडिंग मुहैया कराई गई, इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) कर सकती है.

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कई शहरों में फैला था जाल
कमजोर तबके के लोगों के धर्म परिवर्तन का जाल कई शहरों में फैला था. यूपी के नोएडा , कानपुर, वाराणसी समेत अन्य जगह के लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया है. जानकारी के मुताबिक एक साल में करीब 300 लोगों का धर्मांतरण कराने का लक्ष्य होता था. इन लोगों का मुख्य टारगेट बच्चे, खासकर विकलांग बच्चे और महिलाएं होती थीं. पुलिस के अनुसार इस जाल में कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. जांच की जा रही है.

ऐसे खुला राज
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों मौलाना जहांगीर और गौतम दावा इस्लामिक सेंटर के नाम से संस्था चलाते हैं. 3 जून को दिल्ली के डासना मंदिर में दो मुस्लिम लड़कों ने पुजारी पर हमले का प्रयास किया गया. दोनों को जब पकड़ा गया तो उनके जरिए ही इन दोनों मौलाना के बारे में जानकारी मिली. जिसके बाद से पुलिस इनके पीछे पड़ी है.

हिंदू परिवार से है ताल्लुक
ये भी जानकारी सामने आई है कि आरोपी उमर गौतम का पुराना नाम श्याम प्रताप सिंह था, वह यूपी के फतेहपुर में हिन्दू परिवार में पैदा हुआ था. लेकिन 21 वर्ष की उम्र में ही उसने मुस्लिम धर्म अपना लिया और परिवार के विरोध के बाद घर छोड़कर दिल्ली आ गया. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है. इसमें कई और राज खुल सकते हैं.  

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