नई दिल्लीः द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) की युवा शाखा के नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बुधवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को न तो पहले नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में और न ही अब आमंत्रित किया गया क्योंकि वह विधवा हैं और आदिवासी समुदाय से आती हैं. उन्होंने कहा, 'इसी को हम सनातन धर्म कहते हैं.'
सनातन धर्म विरोधी टिप्पणियों से चर्चा में आए थे स्टालिन
युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री ने पूर्व में अपनी सनातन धर्म विरोधी टिप्पणियों से विवाद को बढ़ावा दिया था, जिसके कारण देश भर में तीखी बहस हुई थी. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस मुद्दे को लेकर उन पर निशाना साधा था. दल के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मुर्मू को न तो कुछ महीने पहले नए संसद भवन के उद्घाटन में आमंत्रित किया गया था और न ही उन्हें वर्तमान में इसके पहले सत्र में बुलाया गया जहां पांच दिन का विशेष सत्र चल रहा है और आज महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया.
उन्होंने कहा, 'हमारे देश में प्रथम नागरिक राष्ट्रपति हैं और उनका नाम द्रौपदी मुर्मू है. उन्हें नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था. क्या इसे ही हम सनातन कहते हैं.'
मुदरै में एक कार्यक्रम में बोले उदयनिधि
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उदयनिधि ने यह बयान मदुरै में एक कार्यक्रम में दिया. उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि 800 करोड़ रुपये की लागत से तैयार नए संसद भवन में भारत की प्रथम नागरिक होने के बाद भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं किया गया. नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए तमिलनाडु के अधिनमों को बुलाया गया लेकिन राष्ट्रपति को न्योता नहीं दिया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश किया गया तो हिंदी अभिनेत्रियों को बुलाया गया लेकिन व्यक्तिगत परिस्थितियों के चलते राष्ट्रपति को नहीं.
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