लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मत्स्य मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद, जिन्हें गोरखपुर की एक अदालत ने 2015 में एक आंदोलन से जुड़े एक मामले में वारंट जारी किया है, ने कहा है कि वह अपने समुदाय को अधिकार दिलाने के लिए जेल जाने को तैयार हैं.
निषाद बोले- 'जेल जाने से नहीं डरते'
कोर्ट के वारंट पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ने कहा कि वह अपने लोगों की खातिर जेल जाने से नहीं डरते, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.
मंत्री ने आंध्र प्रदेश से जारी एक बयान में कहा, "मैं अपने समुदाय के अधिकारों के लिए जेल जाने को तैयार हूं. मैं हमेशा अपने निषाद समुदाय के अधिकारों का मुद्दा उठाऊंगा."
गोरखपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने से एक दिन पहले मंत्री 9 अगस्त को लौटेंगे. मंत्री ने अपने बयान में कहा, "मैं 10 अगस्त को अदालत में पेश होऊंगा."
मंत्री ने विरोधियों पर साधा निशाना
यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वारंट जमानती है या गैर जमानती, हालांकि मंत्री और उनके वकील ने दावा किया कि यह जमानती था. मंत्री ने कहा, "हमारे विरोधी अफवाह फैला रहे हैं कि अदालत ने मुझे गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया है."
उनके वकील सुरेंद्र निषाद ने पुष्टि की कि यह एक जमानती वारंट था, जबकि गोरखपुर के वकील और निषाद युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील साहिनी ने दावा किया कि वारंट गैर-जमानती था.
इस मामले में जारी किया गया वारंट
मंत्री ने कहा, "मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मुझे यकीन है कि अदालत 2015 के मामले में न्याय करेगी, जिसमें तत्कालीन समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार ने निषादों के साथ बर्बर व्यवहार किया और फर्जी मामले दर्ज किए."
2015 में सरकारी नौकरियों में निषाद समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन गोरखपुर के सहजनवा इलाके में हिंसक हो गया था. हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई पुलिस कर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए थे. बाद में संजय निषाद और अन्य के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे. मंत्री पर भीड़ को भड़काने का आरोप लगाया गया था.
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