लड़कियों को मोबाइल ना दें, लड़कों से बात करते करते भाग जाती हैं: UP महिला आयोग मेंबर

उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी ने लड़कियों पर बेतुका बयान दिया है. उन्होंने कहा कि लड़कों से बात करते करते भाग जाती हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 10, 2021, 02:32 PM IST
  • लड़कियों को मोबाइल देना अपराध की वजह!
  • UP महिला आयोग की सदस्य का बेतुका बयान
लड़कियों को मोबाइल ना दें, लड़कों से बात करते करते भाग जाती हैं: UP महिला आयोग मेंबर

नई दिल्ली: लड़कियों पर उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य ने बेतुकी बयानबाजी की है. मीना कुमारी ने कहा है कि लड़कियों को मोबाइल ना दें, बढ़ते अपराध की सबसे बड़ी वजह यही है.

यूपी राज्य महिला आयोग की मेंबर की बदजुबानी

मीना कुमारी ने बयान दिया कि समाज में इस तरह के केस नहीं रुक रहे हैं, हम लोगों के साथ-साथ समाज को इसमें पैरवी करनी होगी. अपनी बेटियों को देखना होगा, कहां जा रही हैं और किस लड़के के साथ बैठ रही हैं. मोबाइल को भी देखना होगा, मैं सबको यही बोलती हूं कि लड़कियां मोबाइल पर बातें करती रहती हैं और यहां तक बात पहुंच जाती है कि वो भाग जाती हैं.

महिला आयोग की सदस्या ने कहा कि लड़कियों को ना दें मोबाइल,लड़कों से बात करते करते भाग जाती हैं.

मीना कुमारी ने कहा कि 'घरवाले बेटियों को मोबाइल ना दें, दें तो उनपर निगाह रखें. सबसे पहले मैं माताओं को कहती हूं कि अपनी बेटियों का ध्यान रखें, ये सब मां की लापरवाही की वजह से बेटियों का हश्र होता है.'

अपने बयान पर मीना कुमारी ने दी ये प्रतिक्रिया

उनके बयान पर बवाल शुरू हुआ को मीना कुमारी ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि 'मैंने ऐसा कुछ बयान नहीं दिया है. मेरे पास इस तरह के केस आए हैं, जो लड़कियां मोबाइल के जरिए घर से चली गई हैं और जिन्होंने शादी की है. इस तरह के मेरे पास केस आए हैं. जो नाबालिग लड़की, लड़के हैं. उनके अभिभावकों को ये देखना चाहिए कि हमारे बच्चे किससे बात कर रहे हैं, उनको ये चेक करते रहना चाहिए.'

उन्होंने ये भी कहा कि 'मैंने विवादित बयान नहीं दिया है. मैंने ये कहा कि जो नाबालिग लड़के लड़कियां होते हैं उन्हें फोन ना दिया जाए. मेरे पास इस तरह के केस आते हैं कि लड़कियां मोबाइल से भाग जाती हैं. मैं अपील करती हूं कि उनकी मां और पिता शाम को मोबाइल चेक करें कि वो किससे बात कर रही हैं. मैं उनकी सुरक्षा के लिए ही ये बात कह रही हूं.'

मीना कुमारी को क्या ये समझ में नहीं आता?

मीना कुमारी कहने को तो महिला आयोग की अध्यक्ष हैं, वो महिला आयोग को नारी के हक की बातें करता है, महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करता है, लेकिन मैडम मीना कुमारी ने तो कुछ बेटियों को पाबंदी की बेड़ियों में जकड़ने की बात कर दी.

मीना कुमारी कहती हैं कि अभिभावकों को अपनी बेटियों को मोबाइल नहीं देना चाहिए. अब जरा मीना कुमारी खुद इस बात का जवाब दें कि इस कोरोना काल में जब सारी पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है और मोबाइल के जरिए ही पठन-पाठन का कार्य हो रहा है, तो क्या बेटियों को शिक्षा से अछूता रख देना चाहिए. मैडम मीना के लिए ज़ी हिन्दुस्तान की तरफ से एक सलाह है कि अगली बार कुछ बोलने से पहले ज़रा सोचिएगा..

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