नई दिल्ली. उत्तराखंड में 41 मजदूरों को बचाने के लिए अभियान जारी है. मजदूर किसी भी वक्त इस टनल से बाहर निकाले जा सकते हैं. इस बीच टनल के बाहर चिनूक हेलिकॉप्टर को तैनात किया गया है जो मजदूरों के बाहर आते ही तुरंत उन्हें एयरलिफ्ट करेगा. चिनूक हेलिकॉप्टर को आपाद के वक्त संकट मोचक के रूप में भी पहचाना जाता है. आइए जानते हैं क्या हैं इस हेलिकॉप्टर में खास.
चिनूक हेलिकॉप्टर इंडियन एयरफोर्स के लिए एक अहम हेलिकॉप्टर है जो विभिन्न इलाकों और परिस्थितियों में काम कर सकता है. चिनूक एक उन्नत मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर है. यह हेलिकॉप्टर देश सशस्त्र बलों को लड़ाकू और मानवीय मिशनों के पूरे स्पेक्ट्रम में बेजोड़ सामरिक एयरलिफ्ट क्षमता प्रदान करता है.
#WATCH | Uttarkashi tunnel rescue: Chinook helicopter present at Chinyalisaur airstrip to airlift the workers after their rescue from Silkyara tunnel. pic.twitter.com/ZRFgM6VvDp
— ANI (@ANI) November 28, 2023
11 हजार किलोग्राम वजन तक उठा सकता है चिनूक
ये हेलिकॉप्टर अपनी एयरलिफ्ट करने की खासियत के लिए विशेष पहचान रखता है. यह M777 हल्के हॉवित्जर तोपों को एयरलिफ्ट करने की क्षमता रखता है. ये हेलिकॉप्टर 33 से 55 सैनिक. 24 स्ट्रेचर या 11 हजार किलोग्राम वजन उठाने की क्षमता रखता है.
सबसे तेज उड़ने वाले हेलिकॉप्टर में शामिल
चिनूक दुनिया के तेज उड़ने वाले भारी परिवहन हेलिकॉप्टरों में शामिल है. यह 12.5 फीट चौड़ा और 18.11 फीट ऊंचा होता है.चीन से लगती हुई सीमा पर भी इसकी तैनाती है.
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