Uttarkashi Tunnel: अमेरिकी मशीन ने 25 मीटर तक ड्रिलिंग की, मलबे में डाले गए चार पाइप, मजदूरों को बचाने की आस बढ़ी

Uttarkashi Tunnel: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में नई और शक्तिशाली ऑगर मशीन ने मलबे को करीब 25 मीटर तक भेद दिया जिससे पिछले पांच दिनों से अधिक समय से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों के जल्द बाहर आने की उम्मीद बढ़ गई है. सुरंग में जमा मलबे में रात भर चले चली ड्रिलिंग के बाद 25 मीटर की दूरी तक भेदा जा चुका है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 17, 2023, 01:55 PM IST
  • लगभग 60 मीटर तक जमा है मलबा
  • मलबे में पांचवां पाइप डाला जा रहा है
Uttarkashi Tunnel: अमेरिकी मशीन ने 25 मीटर तक ड्रिलिंग की, मलबे में डाले गए चार पाइप, मजदूरों को बचाने की आस बढ़ी

नई दिल्लीः Uttarkashi Tunnel: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में नई और शक्तिशाली ऑगर मशीन ने मलबे को करीब 25 मीटर तक भेद दिया जिससे पिछले पांच दिनों से अधिक समय से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों के जल्द बाहर आने की उम्मीद बढ़ गई है. सुरंग में जमा मलबे में रात भर चले चली ड्रिलिंग के बाद 25 मीटर की दूरी तक भेदा जा चुका है. 

लगभग 60 मीटर तक जमा है मलबा
सुरंग में 45 से 60 मीटर तक मलबा जमा है जिसमें ड्रिलिंग की जा रही है. योजना यह है कि ड्रिलिंग के जरिए मलबे में रास्ता बनाते हुए उसमें 900 मिमी व्यास के छह मीटर लंबे पाइप को एक के बाद एक इस तरह डाला जाएगा कि मलबे के एक ओर से दूसरी ओर तक एक 'वैकल्पिक सुरंग' बन जाए और श्रमिक उसके माध्यम से बाहर आ जाएं. 

 

अभी सभी श्रमिक ठीक हैं
राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से सुरंग बना रही नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के जनसंपर्क अधिकारी जीएल नाथ ने कहा, 'सभी श्रमिक ठीक हैं . ऑगर मशीन भी भली-भांति काम कर रही है. हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उन लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाल लिया जाए.'

मलबे में पांचवां पाइप डाला जा रहा है
काम की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मलबे में ड्रिलिंग कर चार पाइप डाले जा चुके हैं जबकि पांचवें पाइप को डाले जाने की कार्यवाही जारी है . इससे पहले, मंगलवार देर रात एक छोटी ऑगर मशीन से मलबे में ड्रिलिंग शुरू की गयी थी, लेकिन इस दौरान भूस्खलन होने से काम को बीच में रोकना पड़ा था. बाद में वह ऑगर मशीन भी खराब हो गई थी. 

फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री दी जा रही
इसके बाद भारतीय वायुसेना के सी-130 हरक्यूलिस विमानों के जरिए 25 टन वजनी बड़ी, अत्याधुनिक और शक्तिशाली अमेरिकी ऑगर मशीन दो हिस्सों में दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गई जिससे बृहस्पतिवार को दोबारा ड्रिलिंग शुरू की गई. अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. 

मजदूरों की उनके परिवार से कराई जा रही बातचीत 
उन्होंने कहा कि उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी पाइप के जरिए निरंतर पहुंचाया जा रहा है. श्रमिकों से निरंतर बातचीत जारी है और बीच-बीच में उनकी उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है. उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएस पंवार ने कहा कि सुरंग के पास एक छह बिस्तरों का अस्थाई चिकित्सालय तैयार कर लिया गया है.

मौके पर मेडिकल टीम भी तैनात है
उन्होंने बताया कि मौके पर 10 एंबुलेंस के साथ कई मेडिकल टीम भी तैनात हैं ताकि श्रमिकों को बाहर निकलने पर उनकी तत्काल चिकित्सकीय मदद दी जा सके. हर मौसम के अनुकूल चारधाम सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर के मुहाने से 270 मीटर अंदर एक हिस्सा रविवार सुबह ढह गया था जिसके बाद से उसमें फंसे 40 श्रमिकों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

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