नई दिल्ली: ज्ञानवापी में आज जुमे की नमाज को देखते हुए मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने की नमाजियों से कम संख्या में मस्जिद आने की अपील की है. साथ ही घर से ही वुजू करके आने के लिए कहा गया है. मस्जिद कमेटी ने लेटर जारी करके नमाजियों से अपील की है. आज ज्ञानवापी मस्जिद में जुमे की नमा के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी है.
ज्ञानवापी में जुमे की नमाज
नमाज को लेकर वाराणसी पुलिस अलर्ट
मस्जिद इंतजामिया कमेटी की अपील
कम संख्या में ज्ञानवापी आने की अपील
घर से ही वुजू करके आने की अपील
मस्जिद कमेटी ने जारी किया पत्र
वाराणसी में आज जुमे की नमाज को लेकर वाराणसी पुलिस अलर्ट पर है. ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाना व शौचालय सील होने से नमाज अदा करने में दिक्कत होती है. आमतौर पर जुमे के दिन ज्ञानवापी मस्जिद में हजारों की भीड़ उमड़ती है.
ज्ञानवापी विवाद में अब तक का अपडेट
ज्ञानवापी मस्जिद है या मंदिर? ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने का सच क्या है? क्या ज्ञानवापी का सच अयोध्या की तरह झुठलाने की साज़िश की जा रही है? ये वो सवाल हैं जिनके जवाब तलाशे जा रहे हैं. इन्हीं सवालों पर मुस्लिम पक्ष की याचिका पर अदालत के अंदर बहस चल रही है.
ज्ञानवापी पर वाराणसी जिला कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई पूरी हुई. अब सोमवार को दोपहर 2 बजे अगली सुनवाई होगी.
दोनों पक्षों की अपनी-अपनी दलीलें..
मुस्लिम पक्ष की तरफ से शिवलिंग मिलने के हिंदू पक्ष के हर दावे को झुठलाया जा रहा है. मुस्लिम पक्ष ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला देते हुए कहा कि हिंदू पक्ष की याचिका सुनवाई के योग्य ही नहीं है. मुस्लिम पक्ष ये भी कह रहा है कि ज्ञानवापी परिसर के पत्थर को शिवलिंग बताकर अफवाह फैलाई जा रही है, ताकि तमाम हिंदुओं की आस्था इस मामले से जुड़ सके.
मुस्लिम पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट में कहा कि 'अयोध्या में राम मंदिर के मुकदमे की सुनवाई के समय भी कहा गया कि वहां तो कोई मंदिर नहीं मस्जिद है, लेकिन सच्चाई सारी दुनिया के सामने है.'
हिंदू पक्ष का ये भी कहना है कि 'सबसे पहले सूट योग्यता को लेकर फैसला आ जाये उसके बाद वो शिवलिंग होने, उसे नुकसान पहुंचाने, स्वरूप बदलने की कोशिश करने जैसे मुद्दों पर अपनी बात को रखेंगे.'
वहीं याचिकाकर्ता रेखा पाठक ने बोला कि 'सत्य की हमेशा जीत होती है कितना भी छिपाया जाए. सत्य ये है की वो मंदिर है सारे साक्ष्य बताते है वह मंदिर था और रहेगा.'
देशभर में मंदिर-मस्जिद पर छिड़ा है संग्राम
ज्ञानवापी पर अभी अदालत में लड़ाई चल रही है, लेकिन देश भर में कई और जगह मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाये जाने के दावे किये जा रहे हैं. अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हिन्दू प्रतीक चिन्ह होने का दावा महाराणा प्रताप सेना ने किया है.
हालांकि इस दावे को दरगाह के खादिमो की संस्था अंजुमन सैयद जादगान ने सिरे से खारिज किया है. कमेटी से जुड़े लोगों का कहना है कि साढ़े आठ बीघा में फैले दरगाह परिसर में उस तरह का कोई हिस्सा नही है जहां हिंदू प्रतीक चिन्ह मौजूद हों.
महाराष्ट्र के पुणे में पुणेश्वर मंदिर की जगह दो दरगाह बनाए जाने का दावा किया जा रहा है. हिंदू पक्षकारों की दलील है कि मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर दरगाह बनाई गई है. अब वो पूरी तरह से मंदिर बनाने की मांग कर रहे हैं.
इस बीच देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए- हिंद का दो दिन का सम्मेलन हो रहा है जिसमें ज्ञानवापी और मथुरा समेत कई मुद्दों और देश में मुसलमानों के हालात पर चर्चा की जाएगी.
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