नई दिल्ली. ओडिशा में पहली बार अपने दम पर सरकार बनाने वाली बीजेपी ने आखिरकार नए मुख्यमंत्री का नाम घोषित कर दिया है. राज्य के नए मुख्यमंत्री मोहन मांझी होंगे. बीजेपी ने ओडिशा में भी यूपी, बिहार, एमपी और महाराष्ट्र वाला फॉर्मूला अपनाया है. यानी ओडिशा में भी सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम होंगे. केवी सिंह देव और प्रवती पारिदा को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी दी गई है.
बीजेपी विधायक दल के नेता के रूप में मांझी का नाम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा घोषित किया गया. मांझी इस बार के चुनाव में क्योंझर सीट से बीजू जनता दल की प्रत्याशी मीना मांझी को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं. उन्होंने मीना मांझी को 11, 577 वोटों से हराया है.
दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी ने पहली पंक्ति से इतर नेता चुनने की अपनी प्रक्रिया जारी रखी है और ओडिशा में ऐसा ही होता दिख रहा है. राज्य में धर्मेंद्र प्रधान और जुअल ओराम जैसे नेताओं से इतरह मोहन मांझी टॉप लीडरशिप की पहली पसंद बनकर उभरे हैं. इससे पहले सीएम के रूप में सुरेश पुजारी का नाम भी चर्चाओं में था.
क्यों बीजेपी लीडरशिप ने चुना?
माना जा रहा है कि मोहन मांझी को बीजेपी लीडरशिप ने आदिवासी समाज में उनकी पकड़ को देखते हुए चुना है. मांझी ओडिशा में मजबूत आदिवासी आवाज हैं और अपनी सांगठनिक क्षमता के लिए पहचान रखते हैं. मांझी चार बार के विधायक हैं.
मांझी के कंधों पर मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी इसलिए भी बड़ी है क्योंकि अब तक राज्य में नवीन पटनायक जैसे लोकप्रिय नेता सीएम के रूप में रहे हैं. अब मोहन के सामने बीजेडी और नवीन पटनायक के समक्ष बीजेपी की जडे़ं और मजबूती से जमानी होंगी. बता दें कि बीजेपी टॉप लीडरशिप ने ओडिशा में हुई विधायक दल की अहम बैठक में राजनाथ सिंह और भूपिंदर यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था.
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