नई दिल्लीः सालभर की घटनाओं के क्रम में अपराध और आतंक भी अपनी जगह बनाते रहे. इन घटनाओं ने जहां एक ओर सामाजिक ताने-बाने को शर्मिंदगी का अहसास कराया तो साथ ही जनता को यह महसूस करने पर मजबूर कर दिया कि वह हमेशा असुरक्षित थी और असुरक्षित रहेगी. वैश्विक नजरिए से देखें तो आतंक के खिलाफ उठ रहे विरोधी कदमों के बीच यह साल भारत के लिए बड़े आतंकी हमले झेलने वाला रहा.
पुलवामा आतंकी हमला
साल के दूसरे महीने 14 फरवरी को उस समय भारतीय जनमानस को बड़ा झटका मिला, जिसमें देश ने 40 जवानों को खो दिया था. 14 फरवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित लितपोरा पुलवामा में आरपीएफ के काफिले पर जैश के एक आत्मघाती ने विस्फोटकों से भरी कार से हमला किया था. इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए थे. काफिले पर हमला करने वाला आतंकी भी इस धमाके में मारा गया था.
हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली थी, जिसका सरगना आतंकी मसूद अजहर है. भारत पर हुए इस हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल था. लोग सरकार पर पाकिस्तान पर कार्रवाई के लिए सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे थे.
गढ़चिरौली नक्सल हमला
1 मई 2019 को महाराष्ट्र में नक्सलियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया. राज्य के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जनपद के जाम्बुरगढ़ क्षेत्र में नक्सलियों के एक बड़े हमले में पुलिस के विशेष कमांडो फोर्स के 15 जवान शहीद हो गए थे.
विशेषकर नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले के लिए बनाई गई क्विक रेस्पांस टीम (क्यूआरटी) के ये जवान एक निजी वाहन से जा रहे थे, जिसे नक्सलियों ने आइईडी विस्फोट से उड़ा दिया था. हमले में उक्त वाहन का चालक भी मारा गया था.
कुलगांव आतंकी हमला
29 अक्टूबर 2019 को पाक समर्थित आतंकियों ने कुलगाम में बड़े नरसंहार को अंजाम दिया था. आतंकियों ने छह गैर कश्मीरी श्रमिकों को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया. मारे गए सभी श्रमिक पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के रहने वाले थे. करीब 13 साल बाद यह पहला मौका था जब आतंकियों ने एक साथ दो या उससे ज्यादा संख्या में गैर कश्मीरी श्रमिकों की हत्या की हो.
आतंकियों ने यह हमला यूरोपीय दल के कश्मीर पहुंचने से एक दिन पहले किया था. यूरोपीय दल Article 370 हटने के बाद राज्य के हालात देखने के लिए जाने वाला था, लेकिन इससे पहले आतंकियों ने माहौल बिगाड़ते हुए हमला कर दिया.
जब उग्र भीड़ ने ली जान
नवंबर, 2019 में पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में गो-तस्करी के शक में भीड़ ने 2 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. घटना में मारे गए दोनों व्यक्ति कथित तौर पर पिकअप वैन में चोरी के जानवर ले जा रहे थे. रास्ते में पड़ने वाले पुतिमारी फोलेश्वरी गांव के लोगों ने शक होने पर उनकी गाड़ी की जांच की. इस दौरान वैन में गाय मिलने पर लोग भड़क गए.
ग्रामीणों ने दोनों की जमकर पिटाई की और पिकअप वैन को भी जला दिया. पुलिस ने दोनों व्यक्तियों को भीड़ से बचाया और कूचबिहार के अस्पताल में भर्ती कराया. इलाज के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया. इस मामले को लेकर भी देश भर में आवाज उठी, लेकिन इसके अलावा भी मॉब लिंचिंग की और वारदातें भी सामने आईं.
हैदराबाद दुष्कर्म और एनकाउंटर
27 नवंबर 2019 की रात को हैदराबाद के शमशाबाद में महिला पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और फिर उन्हें मारकर जला दिया गया. इस घटना ने निर्भया मामले को दोबारा याद दिला दिया. इसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए और पीड़िता को इंसाफ दिलाने की मांग करने लगे. देश की न्यायिक व्यवस्था से लेकर पुलिस तक पर गंभीर आरोप लगे. हालांकि, 7 दिसंबर 2019 को सुबह खबर मिली की पुलिस ने मामले के चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया है. लोगों ने त्वरित न्याय की तरह देखा तो कई जगह से विरोध के सुर भी उठे. इसे लेकर पुलिस पर सवाल उठे और अभी भी जांच जा रही, जिसकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है.
हालांकि, साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पुलिस ने 35 मिनट की कार्रवाई में पीड़िता के आरोपियों को ढेर कर दिया. पुलिस के मुताबिक आरोपियों को क्राइम सीन पर लाया गया था, ताकि महिला डॉक्टर का मोबाइल, पर्स और दूसरा सामान बरामद किया जा सके.
उन्नाव रेप केस
उन्नाव के बिहार थाने की पीड़िता के साथ पिछले साल दिंसबर में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. पीड़िता ने इंसाफ की आवाज लगाई, लेकिन शासन से लेकर प्रशासन तक किसी ने नहीं सुनी. मार्च 2019 में कोर्ट के आदेश पर इस मामले में केस दर्ज किया गया. हाल ही में 4 दिसंबर को दुष्कर्म पीड़िता गांव भाटन खेड़ा में पैदल रेलवे स्टेशन जा रही थी.
जेल से छूटकर आए आरोपियों ने बीच रास्ते में उसे पकड़ लिया और उसे पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया. युवती 90 फीसदी तक जल चुकी थी. उसे उन्नाव से लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया. हालात बेहत गंभीर थी, पूरे देश में इस घटना पर गुस्सा देखने को मिला. पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लाया गया, हालांकि, यहां उसने दम तोड़ दिया. पुलिस ने इस संबंध में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है.