उन्नाव: उन्नाव जीका वायरस के मामले की रिपोर्ट करने वाला उत्तर प्रदेश का चौथा जिला बन गया है. कानपुर, लखनऊ और कन्नौज के बाद मंगलवार को उन्नाव में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया.
कानपुर गया था संक्रमित युवक
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 35 वर्षीय संक्रमित शुक्लागंज के मिश्रा कॉलोनी का रहने वाला है और रोजाना कानपुर जाता है जहां वह लाल बांग्ला क्षेत्र के जाजमऊ में एक धागे की फैक्ट्री में काम करता है.
उन्नाव जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. डॉक्टरों की एक टीम संक्रमित व्यक्ति के घर पहुंची और सभी प्रकार के बचाव के उपाय सुनिश्चित किए.
जीका की जांच बढ़ाने का आदेश
उन्नाव के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सत्य प्रकाश ने शुक्लागंज में जीका की जांच के लिए सैंपलिंग बढ़ाने का आदेश जारी किया है. जीका संक्रमित को उन्नाव जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में भेजा गया है.
डॉ वी.के. संक्रामक रोग नियंत्रण इकाई के नोडल अधिकारी गुप्ता ने बताया कि 13 नवंबर को कानपुर में संक्रमित का सैंपल लिया गया और वहां ही उसकी जांच की गई. मंगलवार को आई रिपोर्ट में पुष्टि की गई कि वह जीका से संक्रमित है.
अधिकारी ने कहा,हमें कानपुर से एक रिपोर्ट मिली कि हमारे जिले के एक निवासी ने जीका वायरस के लिए पॉजिटिव परीक्षण किया है. उसके नमूने 13 नवंबर को कानपुर में लिए गए और आज उसे जीका पॉजिटिव घोषित किया गया. उसे उन्नाव जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है.
एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के डॉ रवि यादव और डॉ वी.के. सिंह ने भी शुक्लागंज पहुंचकर उनके घर का निरीक्षण किया.
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कानपुर बना जीका का गढ़
उन्नाव नगर निगम की टीम ने संक्रमित व्यक्ति के घर और उसके आसपास बड़े पैमाने पर फॉगिंग की और मलेरिया विभाग एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव कर रहा है. इस बीच, कानपुर में अब तक जीका वायरस के 130 मामले सामने आए हैं.
कैसे हो सकता है संक्रमण
खून चढ़ाने से, जीका का संक्रमित मच्छर के काटने से, संक्रमित साथी से शारीरिक संबंध से और संक्रमित गर्भवती से गर्भस्थ शिशु को.
जीका के लक्षण क्या हैं
कोई व्यक्ति जीका संक्रमणग्रस्त क्षेत्र में गया है तो सावधान रहे. वहां से आने के 7-14 दिनों के बीच बुखार, शरीर में लाल दाने आएं, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली व कीचड़ तथा सिरदर्द.
जानें कैसे करना है बचाव
1. मच्छरदानी का इस्तेमाल
2. हर दूसरे दिन फागिंग
3. कहीं भी खुले में पानी जमा न होने दें
4. लेमन ग्रास का तेल व यूकेलिप्टस का तेल लगाने से मच्छर भागते हैं
5. जहां पानी जमा हो, वहां जला हुआ मोबिल आयल डालें
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