कश्मीरी केसर को मिला GI सर्टिफिकेट, और बढ़ेगी इस भारतीय मसाले की खुश्बू

लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, गिरीश चंदर मुर्मू ने यह तय करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर पहल की थी कि कश्मीरी केसर को जीआई सर्टिफिकेट मिलना चाहिए.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 26, 2020, 02:37 PM IST
    • जीआई सर्टिफिकेशन के बाद केसर में मिलावट पर रोक लगेगी, इससे किसानों को केसर के बेहतर दाम मिलेंगे
    • जीआई टैग के साथ, कश्मीर केसर निर्यात बाजार में अधिक प्रमुखता हासिल करेगा
कश्मीरी केसर को मिला GI सर्टिफिकेट, और बढ़ेगी इस भारतीय मसाले की खुश्बू

श्रीनगरः कश्मीरी की अब एक और खास पहचान होगी. वह है कश्मीरी केसर, इस प्राचीन व प्रसिद्ध भारतीय मसाले को GI टैग मिल गया है. जिससे केसर और कश्मीर दोनों को खास पहचान तो मिलेगी ही साथ ही इसकी शुद्धता भी बरकरार रहेगी. कश्मीर में उगाए गए केसर जीआई टैग (geographical indication tag) मिलने की घोषणा लेफ्टिनेंट गवर्नर जी सी मुर्मू की ओर से की गई है. 

गवर्नर ने खुद की थी पहल
उन्होंने कहा है कि ग्लोबल मैप पर घाटी के ब्रांड को लाने के लिए एक प्रमुख ऐतिहासिक कदम है. लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद,

गिरीश चंदर मुर्मू ने यह तय करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर पहल की थी कि कश्मीरी केसर को जीआई सर्टिफिकेट मिलना चाहिए.

411 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
नेशनल मिशन ऑन सैफरन (NMS) की तरफ से की गई पहल के कारण कश्मीर में केसर के केंद्र पंपोर में इस सीजन में मसाले की बंपर फसल होने की उम्मीद है.

NMS के तहत, केंद्र सरकार ने 411 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी जिसके तहत केसर के लिए 3,715 हेक्टेयर क्षेत्र का कायाकल्प किया जाना प्रस्तावित था.

यह होगा फायदा
जीआई सर्टिफिकेशन के बाद केसर में मिलावट पर रोक लगेगी, इससे किसानों को केसर के बेहतर दाम मिलेंगे. जीआई टैग के साथ, कश्मीर केसर निर्यात बाजार में अधिक प्रमुखता हासिल करेगा और किसानों को इसके लिए सबसे अच्छी कीमत दिलाने में मदद करेगा.

भारत ने भेजी नार्थ कोरिया को दस लाख डॉलर की मेडिकल हेल्प

देसी वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल उत्साहजनक

 

 

ट्रेंडिंग न्यूज़