नई दिल्ली: देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर राष्ट्रीय अपराध अन्वेषण ब्यूरो की एक रिपोर्ट आ चुकी है. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र ने सतत विकास लक्ष्य यानी कि सस्टेनेबनल डेवलपमेंट गोल के रिपोर्ट जारी किेए हैं. इस रिपोर्ट में भारत का 14 सेक्टर में क्या प्रदर्शन रहा है, उसके आंकड़े जारी किए हैं.
अलग-अलग क्षेत्रों में भारत का हासिल उसे फिलहाल 2030 तक सतत विकास लक्ष्य के करीब लाता जा रहा है लेकिन कुछ क्षेत्रों में आंकड़े काफी निराशाजनक ही रहे हैं. जैसे कि भारत में महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ बढ़ते अपराध का ग्राफ.
यूएन रिपोर्ट में भारत की स्थिति में व्यापक बदलाव की जरूरत
यूएन रिपोर्ट में भी भारत की स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है. भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों पर नियंत्रण करने का लक्ष्य रखा था. लक्ष्य यह था कि 2030 तक भारत को महिलाओं के खिलाफ अपराधों को घटाकर 0 पर पहुंचाना है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही यथास्थिति दर्शा रहे हैं.
भारत की फिलहाल की स्थिति यह है कि देश में प्रति 1 लाख की महिला आबादी में से 57.9 महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज किए जाते हैं. देश की पूरी महिला आबादी के हिसाब से देखेंगे तो यह आंकड़े बहुत बड़े हैं.
इन तीन राज्यों में सबसे खराब है महिलाओं की स्थिति
यूएन रिपोर्ट्स के मुताबिक नीति आयोग ने जो आंकड़े तैयार किेए हैं, उसे राज्यों के हिसाब से देखेंगे तो पाएंगे कि सबसे ऊपर उत्तर-पूर्वी राज्य असम पहले स्थान पर है जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध के बहुत से मामले दर्ज किए जाते हैं.
असम में प्रति लाख आबादी के हिसाब से 143.6 महिलाओं के साथ अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं. इसके बाद देश की राजधानी दिल्ली का नंबर आता है जो एक समय में कई रेप कांडों के लिए काफी दुष्प्रचारित हो चुका था.
दिल्ली में यह आंकड़ा 133.3 पर है. इसके बाद तीसरे नंबर पर तेलांगना का नंबर है जहां यह आंकड़ा 94.7 है.
ये तीन राज्य जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया
तीन सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले राज्यों की बात करें तो इसमें सबसे ऊपर नागालैंड 6.9 के साथ है. इसके बाद तमिलनाडु जहां प्रति लाख यह आंकड़ा 15.5 पर है तो वहीं मणिपुर में 18.1 पर. यूएन की मानें तो भारत को राज्य स्तर पर विशेष काम करने की जरूरत है तभी यह इतना बड़ा गैप भरा जा सकेगा. भारत में राज्यों के बीच यह फासले कुछ ज्यादा ही हैं. 2030 के सस्टेनेबल डेवलपमेंट लक्ष्य को पूरा करने के लिेए भारत को हर हाल में इसमें बेहतर प्रदर्शन करना ही होगा.