घर के मंदिर में दीया जलाने से पूजा की शुरुआत होती है. ऐसे में घर के मंदिर का दिया सही धातू से बना है या नहीं बेहद जरूरी होता है. दिया जलाने से घर में सकारात्मकता आती है. आइए जानते हैं घर के मंदिर के लिए किस धातू का दिया सबसे सही होता है.
सनातन धर्म के अधिकतर लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करके घर के मंदिर में सबसे पहले पूजा-पाठ करते हैं. पूजा का सबसे जरूरी हिस्सा दिया जलाना होता है. लेकिन घर के मंदिर में दिया किस मेटल का होना चाहिए. बहुत कम लोग इस बात पर ध्यान देते हैं. घर के मंदिर में सही मेटल का दीया जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. आइए जानते हैं घर के मंदिर के लिए किस मेटल का दीया होना चाहिए.
पीतल का दीया: अधिकतर लोगों के घर के मंदिर में पीतल का दीया होता है. पीतल का दीया जल्दी खराब नहीं होता है आसानी से साफ हो जाता है. वहीं सालों तक पीतल की चमक कम नहीं होती है. गोल्डन कलर का पीतल का दीया घर में सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है. वास्तु के अनुसार पीतल का दीया जलाने से घर में धन आता है और रोगों से मुक्ति मिलती है.
चांदी का दीया: भारतीय लोगों के बीच चांदी का दीया भी काफी पॉपुलर है. चांदी शुद्धता के लिए जाना जाता है. घर के मंदिर में चांदी के दीए में ज्योति जलाने से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है. चांदी का दीया उस समय जरूर जलाना चाहिए जब घर में शादी हो, या कथा हो आदि.
तांबा: घर के मंदिर में बहुत कम लोग ही तांबा का दिया यूज करते हैं. आयुर्वेद में तांबा का अधिक महत्व होता है. तांबा का दीया जलाने से घर में पॉजिटिव औरा आता है. लेकिन तांबे के दीए में जल्दी जंग लग जाता है. ऐसे में आपको दीये की सफाई का खास ध्यान देना होगा.
मिट्टी का दीया: मिट्टी के दीया का इस्तेमाल प्राचीन समय से होता आया है. मिट्टी का दीया जलाने से घर में पॉजिटिव औरा आता है. मिट्टी का दीया जलाना भगवान से आशीर्वाद और समृद्धि मांगने का एक विनम्र तरीका है.
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