नरगिस (Nargis) और राज कपूर (Raj Kapoor) की लव स्टोरी तो हर कोई जानता है लेकिन राज कपूर और उनकी पत्नी कृष्णा कपूर (Krishna Kapoor) की लव स्टोरी बहुत कम लोग जानते हैं.
नरगिस और राज कपूर की लव स्टोरी तो हर कोई जानता है लेकिन राज कपूर और उनकी पत्नी कृष्णा कपूर की लव स्टोरी बहुत कम लोग जानते हैं. 1924 में पेशावर में जन्मे राज कपूर ने महज 11 साल की उम्र में फिल्म इंकलाब से डेब्यू किया था. और सुपरस्टार बनने से पहले ही राज कपूर ने 22 साल की उम्र में 1946 में कृष्णा मल्होत्रा से शादी कर ली.
राज कपूर और कृष्णा को मिले एक साल ही हुआ था लेकिन दोनों शादी के बंधन में बंध गए. दोनों की शादी में सुपरस्टार अशोक कुमार आए थे, उनकी एक झलक देखने के लिए कृष्णा बेताब थी. कृष्णा को इस तरह से देखकर राज कपूर ने भी तय कर लिया था कि वह सदी के सबसे बड़े स्टार बनकर रहेंगे. राज कपूर ने इसके बाद 1948 में फिल्म आग बनाई. इस फिल्म ने कृष्णा और राज के रिश्ते को बदलकर रख दिया.
दरअसल आग फिल्म के लिए राज को किसी नए चेहरे की तलाश थी जिस वजह से वह जद्दनबाई से मिलने उनके घर पहुंचे. घर पर जद्दनबाई तो नहीं थी लेकिन राज कपूर ने उनकी बेटी नरगिस को देखा और सोच लिया कि उन्हें ही अपनी फिल्म में एक्ट्रेस बनाएंगे. इसके बाद दोनों ने साथ में कई फिल्में की.
राज कपूर और नरगिस की फिल्म श्री 420 का गाना प्यार हुआ इकरार हुआ इतना ज्यादा पॉपुलर हुआ कि वह उस समय का सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला गाना बना. दोनों की ऑन स्क्रीन केमेस्ट्री देखकर विदेश में तो लोग यह सोचते थे कि दोनों असल जिंदगी में पति-पत्नी हैं. लेकिन 1957 में दोनों अलग हो गए. दरअसल फिल्म मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान एक सीन को फिल्माए जाने की वजह से नरगिस आग में फंस गईं जिसके बाद बिना सोचे अपनी जान पर खेलकर सुनील दत्त ने उनकी जान बचाई. सुनील दत्त खुद तो जल गए लेकिन नरगिस को कुछ नहीं होने दिया. इस घटना से एक नई प्रेम कहानी की शुरुआत हुई. नरगिस ने सुनील दत्त के प्रपोज किए जाने पर शादी के लिए हां कह दिया और राज कपूर से हमेशा के लिए अलग हो गए.
नरगिस और राज कपूर के रिश्ते की खबर जैसे ही कृष्णा को पता चला वह काफी उदास रहने लगी थीं. लेकिन जब नरगिस ने सुनील दत्त से शादी कर ली तो कृष्णा को लगा अब उनका शादी बच जाएगा. लेकिन एक बार फिर 60 के दशक में वैजयंतीमाला के साथ राज कपूर का नाम जुड़ा. वैजयंती माला के साथ राज की बढ़ती नजदिकियों को देखते हुए कृष्णा कपूर घर छोड़ कर चली गई और कई महीने तक राज कपूर से दूर रहीं.
राज कपूर के काफी मनाने के बाद कृष्णा घर आने को तैयार हुई थीं लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी कि राज कभी भी कोई फिल्म वैजयंती माला के साथ काम नहीं करेंगे. जिसे राज कपूर ने मान लिया और फिल्म 'संगम' के बाद वैजयंती माला और राज कपूर ने फिर कभी किसी फिल्म में साथ काम नहीं किया. 1968 में वैजयंती माला ने चमनलाल बाली से शादी कर ली.