Microsoft कैसे बनी इतनी बड़ी कंपनी, दो दोस्तों ने IT सेक्टर में कैसे मचाई धूम?

How Microsoft Founded: माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी IT कंपनियों में से एक है. इसकी शुरुआत साल 1975 में हुई थी. लेकिन तीन साल के भीतर ही इस कंपनी ने बड़ी सफलता पा ली थी. आइए, जानते हैं माइक्रोसॉफ्ट की कहानी.

नई दिल्ली: How Microsoft Founded: साल 2016 तक माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी रही. इसकी शुरुआत Bill Gates और Paul Allen ने की थी. दोनों स्कूल फ्रेंड्स हुआ करते थे. दोनों की दोस्ती ने ऐसा कमाल दिखाया कि माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी IT कंपनी बन गई.

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दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर डाउन हो गया है. भारत समेत विभिन्न देशों में सरकार और कंपनियां परेशानी का सामना कर रही हैं. एविएशन सेक्टर में इसका बड़ा प्रभाव देखा जा रहा है. कई एयरलाइंस कंपनियों ने अपनी फ्लाइट तक रद्द कर दी है. दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में से एक लंदन स्टॉक एक्सचेंज का सर्वर भी ठप पड़ चुका है. सोशल मीडिया पर भी #Microsoft ट्रेंड कर रहा है. आइए, जानते हैं कि IT की दुनिया में धूम मचाने वाली कंपनी माइक्रोसॉफ्ट कैसे इतनी बड़ी कंपनी बनी?  

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माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना बचपन के दो दोस्तों बिल गेट्स और पॉल एलन ने की थी. इससे पहले ये दोनों ट्रैफ-ओ-डाटा नामक कंपनी बना चुके थे. इसमें उन्होंने ऐसा कंप्यूटर बनाया जो ऑटोमोबाइल ट्रैफिक डाटा को ट्रैक करता था. लेकिन फिर बिल गेट्स हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में चले गए. लेकिन साल 1975 में बिल गेट्स को अल्टैयर 8800 माइक्रो कंप्यूटर के बारे में पता चला. इसके लिए बिल गेट्स ने बेसिक इंटरप्रीटर बनाया.  

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बिल गेट्स अपने दोस्त पॉल एलन के साथ खुद के द्वारा बनाए गए इंटरप्रीटर को लेकर माइक्रो इंस्ट्रूमेंटेशन एंड टेलीमेंट्री सिस्टम्स (MITS) गए. यहां उन दोनों के प्रोग्रामर को मंजूरी मिली. बिल गेट्स ने हार्वर्ड कॉलेज से लंबी छुट्टी ली और अपने दोस्त एलन के पास चले गए. इसके बाद 4 अप्रैल 1975 को दोनों दोस्तों MITS से अलग हो गए और अपनी खुद की कंपनी बनाई. इसका नाम उन्होंने माइक्रो-सॉफ्ट रखा.   

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माइक्रोसॉफ्ट ने 80 के दशक में सॉफ्टवेयर बिजनेस में कदम रखा. इसके बाद बिल और एलन को पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी. माइक्रोसॉफ्ट धीरे-धीरे मार्केट में अपनी जगह बनाने लगी. तीन साल के अंदर-अंदर ही यानी 1978 के आखिर तक माइक्रोसॉफ्ट की सेल्स 10 लाख डॉलर के पार चली गई थी. 1979 में कंपनी वाशिंगटन शिफ्ट हुई. फिर कंपनी ने अपना MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया. फिर IBM के पहले पर्सनल कंप्यूटर का लाइसेंस लिया. 1981 में ये कंप्यूटर लॉन्च कर दिया.   

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साल 1983 में बिल गेट्स के दोस्त एलन ने हॉडकिंस लिम्फोमा डायग्नोज बीमारी के कारण माइक्रोसॉफ्ट छोड़ दी. साल 1985 में माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज नाम का ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया. इस ग्राफिकल इंटरफेस में ड्रॉप-डाउन मेन्यू और अन्य फीचर्स भी थे. 1987 में माइक्रोसॉफ्ट ने शेयर मार्केट में भी एंट्री कर ली. फिर क्या था, 31 साल के बिल गेट्स दुनिया के सबसे युवा अरबपति होने का रिकॉर्ड बनाया. 2016 तक माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी थी.  2020 में रेवेन्यू के मामले में माइक्रोसॉफ्ट फॉर्च्यून 500 रैंकिंग में 21वें स्थान पर थी.