मलमास विशेषःराजधानी स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर जिसका उद्घाटन बापू ने किया

श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर बिड़ला श्रृंखला का सबसे प्रथम मंदिर है, अतः इसे बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर का निर्माण कार्य सन् 1933 से प्रारंभ होकर सन् 1938 तक हुआ, मंदिर का उद्घाटन राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी ने किया था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 2, 2020, 01:25 PM IST
    • मंदिर के गर्भ-गृह में भगवान श्री लक्ष्मीनारायण के साथ मां भगवती तथा श्री गौरी-शंकर भी विराजमान हैं.
    • मंदिर के साथ विकसित हुआ विशाल उद्यान बच्चों की उत्सुकता को अत्यधिक बढ़ाने वाला स्थान है.
मलमास विशेषःराजधानी स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर जिसका उद्घाटन बापू ने किया

नई दिल्लीः मलमास में श्री विष्णु के मंदिरों के दर्शन की श्रृंखला में देश की राजधानी में ही स्थित विशेष मंदिर के दर्शन कीजिए, जो कि लक्ष्मीनारायण मंदिर के नाम से प्रसिद्ध मंदिर है. राजधानी में मंदिर मार्ग पर गोल मार्केट के पास स्थित यह विशाल हिंदू तीर्थ बिड़ला मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. उद्योगपति घराने की ओर से बनवाया गया यह मंदिर आजादी के पहले का बना हुआ दिल्ली का सबसे जाना-माना धार्मिक स्थल है. 

सबसे बड़ी बात है कि मंदिर का उद्घाटन खुद 1938 में बापू महात्मा गांधी ने किया था. 

1933 में शुरू हुआ था निर्माण
जानकारी के मुताबिक, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर बिड़ला श्रृंखला का सबसे प्रथम मंदिर है, अतः इसे बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर का निर्माण कार्य सन् 1933 से प्रारंभ होकर सन् 1938 तक हुआ,

मंदिर का उद्घाटन राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी ने किया था. बिड़ला मंदिर 30,000 M2 विस्तरित क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमे से 2,100 M2 क्षेत्र का उपयोग मंदिर निर्माण के लिए किया गया है. 

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ऐसा है मंदिर का गर्भगृह
मंदिर के गर्भ-गृह में भगवान श्री लक्ष्मीनारायण के साथ मां भगवती तथा श्री गौरी-शंकर भी विराजमान हैं. मुख्य प्रार्थना स्थल के सामने श्री गणेश, गीता स्तंभ तथा श्री बजरंगबली उपस्थित हैं. गीता भवन के विशाल सभागार को पार करते ही भगवान श्री योगेश्वर एवं श्री राम परिवार के दर्शन किए जा सकते हैं.

गीता भवन की सबसे अभूतपूर्व सुंदरता, प्रतिबिम्ब में शोभायमान अनंत रूप मुरली मनोहर श्री कृष्ण के असंख्य प्रतिरूप हैं. 

बच्चों को आकर्षित करता है विशाल उद्यान
मंदिर के साथ विकसित हुआ विशाल उद्यान बच्चों की उत्सुकता को अत्यधिक बढ़ाने वाला स्थान है. यहाँ बने पानी के फव्वारे, चीता, भालू, गेंडा, मगरमच्छ, ऊंट तथा अन्य जीव-जन्तु की प्रतिमाए बच्चों के मन को खूब लुभाते हैं. मंदिर के इस उद्यान में एक कृत्रिम गुफा भी देखी जा सकती है.

गुफा के ही पास राक्षस के विशाल मुंह से प्रवेश करते हुए एक शिव मंदिर की स्थापना भी की गई है. 

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