Ravi Shastri: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में जब भी सबसे सफल हेड कोच की बात होगी तो पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी रवि शास्त्री का नाम जरूर लिया जायेगा, जिनके नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट ने नई ऊंचाइयों को छुआ. पूर्व हेड कोच गैरी कर्स्टन ने भारत को 2011 का विश्वकप जिताने के बाद अलविदा कह दिया था जिसके बाद रवि शास्त्री ने अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों का हाथ थामा और उन्हें उन निडर खिलाड़ियों में बदल दिया जिन्हें किसी भी परिस्थिति से डर नहीं लगता. इतना ही नहीं ये खिलाड़ी आग का जवाब आग से ही देना जानते थे.
दिनेश कार्तिक ने खोला रवि शास्त्री का राज
शास्त्री-कोहली के युग में भारतीय क्रिकेट टीम ने भारत ही नहीं विदेशों में भी टेस्ट सीरीज जीतना शुरू किया और ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर पर लगातार दो बार धूल चटाने का काम किया. इंग्लैंड को 2-2 से सीरीज में बराबर किया तो पहली बार खेले गये विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भी पहुंचे.
शास्त्री के युग में भारत एक ऐसी टीम बन गई थी जिससे विदेशी टीमें अपने घऱ पर डरने लगी थी. शास्त्री को हमेशा खिलाड़ियों के समर्थन के लिये जाना जाता रहा है, भले ही वो खराब ही प्रदर्शन क्यों न कर रहे हो. हालांकि शास्त्री उन खिलाड़ियों की बिल्कुल भी तारीफ नहीं करते थे जिनके साथ फिटनेस की दिक्कत हो या फिर जो बार-बार बताये जाने के बाद भी नहीं सुन रहे होते थे.
ऐसे खिलाड़ियों को बिल्कुल पसंद नहीं करते थे रवि शास्त्री
भारत के दिग्गज विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने भी शास्त्री के नेतृत्व में क्रिकेट खेला है और 2019 विश्वकप के दौरान अपने अनुभव को साझा किया है. कार्तिक ने बताया कि शास्त्री की कोचिंग के दौरान वो दो चीजों को बिल्कुल भी पसंद नहीं किया करते थे और इसको लेकर उनके अंदर बिल्कुल भी संयम नहीं था.
क्रिकबज की डॉक्यू सीरीज समर स्टेलमेट में बात करते हुए कार्तिक ने कहा,'शास्त्री को वो खिलाड़ी बिल्कुल पसंद नहीं आता था जो धीमी गति से खेलता था. उन्हें वो लोग बिल्कुल पसंद नहीं आते जो कि नेट्स पर दूसरे अंदाज में और मैदान पर अलग अंदाज में खेलते हैं. वो इस चीज को लेकर कभी खुश नहीं होते थे, उन्हें पता होता था कि वो अपनी टीम से क्या चाहते हैं और जिस अंदाज से वो खेला गया उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं आता था. शास्त्री की कोचिंग में फेल होने वालों की बहुत कम जगह है, वो हमेशा दूसरों को बेहतर करने के लिये पुश करते थे.'
पंत-पुजारा की कर चुके हैं आलोचना
गौरतलब है कि ज्यादातर समय पर शास्त्री अपनी टीम और खिलाड़ियों के लिये गोली खाने को तैयार होते थे लेकिन कई मौके ऐसे भी आये हैं जब उन्होंने सभी के सामने किसी खिलाड़ी की आलोचना कर दी. 2018 में रवि शास्त्री ने चेतेश्वर पुजारा की खराब रनिंग की आलोचना करते हुए कहा था कि वो उनसे उसैन बोल्ट बनने को नहीं कह रहे हैं. 2019 में रवि शास्त्री ने ऋषभ पंत के खराब शॉट की आलोचना करते हुए कहा था कि अगर वो अपनी गलतियों से नहीं सीखते हैं तो जल्द ही घुटनों के बल पर आ जायेंगे. कार्तिक का मानना है कि शास्त्री बतौर खिलाड़ी से ज्यादा कोच के रूप में उपयुक्त था.
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