CSK vs DC: दिल्ली से हार के बाद चेन्नई के कोच ने धोनी की धीमी बल्लेबाजी को लेकर कही ये बड़ी बात

CSK vs DC: दिल्ली ने सोमवार को CSK को 20 ओवर में पांच विकेट पर 136 रन के स्कोर पर रोका और फिर अंतिम ओवर में दो गेंदें शेष रहते मुकाबला जीत लिया. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 5, 2021, 12:24 PM IST
  • जानिए मुख्य कोच धोनी की बैटिंग को लेकर क्या बोले
  • CSK को लगातार दूसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा
CSK vs DC: दिल्ली से हार के बाद चेन्नई के कोच ने धोनी की धीमी बल्लेबाजी को लेकर कही ये बड़ी बात

दुबई: CSK vs DC: चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के मुख्य कोच स्टेफन फ्लेमिंग (Stephen Fleming) ने दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) के खिलाफ मिली तीन विकेट से हार के बाद CSK के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की धीमी बल्लेबाजी को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि इस पिच पर स्ट्रोक खेलना कठिन था और बड़े शॉट लगाने के लिए काफी प्रयास की जरूरत पड़ रही थी.

दिल्ली ने 2 गेंदें रहते जीता मुकाबला
दिल्ली ने सोमवार को CSK को 20 ओवर में पांच विकेट पर 136 रन के स्कोर पर रोका और फिर अंतिम ओवर में दो गेंदें शेष रहते मुकाबला जीत लिया. फ्लेमिंग ने कहा कि सिर्फ सीएसके के कप्तान ही नहीं, बल्कि दोनों टीमों के खिलाड़ियों को बड़ा स्कोर बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा.

'दोनों टीमों के बल्लेबाजों ने किया संघर्ष'
फ्लेमिंग ने कहा, 'महेंद्र सिंह धोनी एकमात्र बल्लेबाज नहीं थे, जिन्होंने संघर्ष किया. स्ट्रोक लगाने के लिए यह कठिन पिच थी. जब 137 रन बनाना मुश्किल हो रहा हो ऐसे में बड़े शॉट्स खेलने के लिए यह कठिन था. पारी के अंत में दोनों टीमों ने संघर्ष किया.'

'इरादे में कमी नहीं पर हमने कुछ गलतियां की'
उन्होंने कहा, 'फिलहाल जो दिक्कत है, वो यह कि तीनों ग्राउंड में विभिन्न वातावरण में ढलना और पहले बल्लेबाजी करते हुए बड़ा स्कोर खड़ा करना. यहां इरादे की कमी नहीं थी और हमने कुछ गलतियां की. दिल्ली की टीम का अंतिम पांच ओवर में गेंदबाजी आक्रमण बेहतरीन था.'

फ्लेमिंग ने कहा कि टूर्नामेंट के अंतिम पड़ाव पर आकर लगातार दो हार मिलना टीम के लिए खतरे की घंटी है.

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बता दें कि दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ एमएस धोनी ने 27 गेंदों पर 18 रनों की बेहद धीमी पारी खेली. उनकी बल्लेबाजी में पहले जैसी क्लास और फुटवर्क बिल्कुल नजर नहीं आ रहा था. आईपीएल में दूसरी बार ऐसा हुआ जब धोनी ने 25 से ज्यादा गेंदों का सामना किया, लेकिन वे एक भी बार गेंद सीमा पार नहीं करा सके. 

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