2003 Cricket World Cup: 18 साल पहले इसी दिन सचिन-सहवाग ने छिड़का था पाकिस्तान के जख्मों पर नमक
विश्वकप में हमेशा पाकिस्तान को भारत से शिकस्त झेलनी पड़ती है. ये रिकॉर्ड इस ऐतिहासिक मैच में भी बरकरार रहा. इस मैच से पहले जब जब भारत पाकिस्तान आमने सामने हुए थे तब भारत को ही जीत मिली थी.
नई दिल्ली: 1 मार्च सन् 2003. दक्षिण अफ्रीका में ICC क्रिकेट वर्ल्डकप (Cricket World Cup 2003) खेला जा रहा था. भारतीय टीम पूरी ताकत के साथ विश्वकप में उतरी. शुरुआत के मैचों में झटके खाने के बाद भारत के सामने पाकिस्तान आया.
सचिन की आंधी के आगे उड़ गये पाकिस्तानी गेंदबाज
भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला हमेशा तनाव भरा रहता है. दोनों देशों के खिलाड़ी मनोवैज्ञानिक दबाव में रहते हैं. इस मैच में भी यही था लेकिन सचिन तेंदुलकर की आंधी के आगे वकार यूनुस, शोएब अख्तर और वसीम अकरम कुछ नहीं कर सके. भारत को ये मैच जीतना बहुत जरूरी था.
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एक तरफ देशवासियों को कारगिल युद्ध के बाद पहली बार पाकिस्तान से मुकाबला देखने को मिल रहा था तो दूसरी तरफ विश्वकप (Cricket World Cup 2003) में आगे बढ़ने के लिये पाकिस्तान को पटखनी देना भी आवश्यक था. पाकिस्तान से मैच हारने पर टीम का मनोबल टूट सकता था. कारगिल की पहाड़ियों में पाकिस्तान की ठुकाई करने के बाद सेंचुरियन के मैदान पर पाकिस्तान को पटखनी देना विश्वकप के लिहाज से बहुत जरूरी थी.
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर की बल्लेबाजी
सेंचुरियन के मैदान पर पाकिस्तान के कप्तान वकार यूनुस ने टॉस जीता और पहले पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. सईद अनवर और तौफीक उमर ने पाकिस्तान को ठीकठाक शुरुआत दी. इन दोनों ने मिलकर पहले विकेट के लिये 58 रनों की साझेदारी की. पाकिस्तान का पहला विकेट 11 वें ओवर में गिरा जब जहीर खान ने उन्हें क्लीन बोल्ड किया.
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इसके बाद नियमित अंतराल पर पाकिस्तान के विकेट गिरते रहे लेकिन सईद अनवर एक छोर पर डटे रहे. उन्होंने 126 गेंदों का सामना करके 7 चौकों की मदद से 101 रन बनाए. अनवर को नेहरा ने बोल्ड किया. पाकिस्तान की ओर से अब्दुल रज्जाक ने 12, तौफीक उमर ने 22, मोहम्मद यूसुफ ने 25, इंजमाम उल हक ने 6, यूनिस खान ने 32 और शाहिद आफरीदी ने 9 रन बनाए. पाकिस्तान भारत के सामने जीत का लक्ष्य 274 रन का रखा.
भारत की ओर से जहीर खान और आशीष नेहरा ने 2-2 जबकि दिनेश मोगिया और जवागल श्रीनाथ ने 1-1 विकेट लिया था.
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भारत की ओर से सचिन सहवाग ने की धमाकेदार शुरुआत
भारत जब बल्लेबाजी के लिये उतरा तो सेंचुरियन के मैदान पर 274 रन का लक्ष्य आसान नजर नहीं आ रहा था. लेकिन सभी आशंकाओं को दरकिनार करते हुए भारत की सर्वश्रेष्ठ सलामी जोड़ी सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के रूप में मैदान पर उतरी. दोनों ने पहले विकेट के लिये जोरदार शुरआत की. दोनों ने 5वें ओवर तक 50 रन से अधिक की साझेदारी कर ली थी. तभी वीरेंद्र सहवाग वकार यूनिस का शिकार हो गये. सहवाग ने 14 गेंदों पर 1 छक्के और 3 चौकों की मदद से 21 रन बनाए.
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सहवाग के तुरंत बाद कप्तान सौरव गांगुली भी आउट हो गये. उन्हें भी वकार यूनिस ने LBW आउट कर दिया. मैच में पाकिस्तान ने वापसी की लेकिन सचिन की दीवार को वो हिला नहीं सके. सचिन एक छोर से शोएब अखतर की कुटाई करते रहे.
शोएब अख्तर ने मैच सचिन को कुछ बातें कहकर उकसाने की भी कोशिश की लेकिन वो नाकाम रहे. सचिन ने उन्हें छक्का जड़कर जोरदार जवाब दिया. सचिन अपना धमाकेदार अर्धशतक पूरा कर चुके थे और उनके साथ मैदान पर मोहम्मद कैफ थे. दोनों ने 100 रनों से अधकि की साझेदारी की और भारत को 22 वें ओवर तक 155 पर पहुंचा दिया. मोहम्मद कैफ 35 रन बनाकर अफरीदी की गेंद पर बोल्ड हुए.
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युवराज ने द्रविड़ का साथ निभाकर भारत को जिताया
सभी देशवासियों को धक्का तब लगा जब 28 वें ओवर में सचिन 98 रन बनाकर आउट हो गये. सचिन का शतक पूरा न हो पाने के गम में सभी देशवासी डूब गये और मैच फंसता नजर आ रहा था. लेकिन युवराज और राहुल द्रविड़ ने क्रमश: 50 और 44 रनों की पारी खेलकर टीम को जीत दिला दी. सचिन तेंदुलकर ने 75 गेंद पर 98 रन बनाए थे और उन्हें मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया. सचिन ने सबसे अधिक पिटाई अख्तर और वकार यूनिस की की थी. अख्तर ने 10 ओवर में 72 रन और वकार ने 8.4 ओवर में 71 रन दिये थे.
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इस ऐतिहासिक जीत ने भारतीय क्रिकेट बदलने में भूमिका निभाई क्योंकि इस मैच के बाद भारत से अब तक भारत विश्वकप में कभी पाकिस्तान से नहीं हारा है. भारत की इस जीत के बाद टीम का विश्वकप में अभियान अच्छी गति से आगे चला. ये मैच सचिन की यादगार पारियों में से एक हैं. इस मैच में जीत जितनी खुशी दे रही थी, उतना गम क्रिकेट प्रेमियों को इस बात का था कि सचिन अपना शतक पूरा नहीं कर सके.
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