IND vs AUS: आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही 4 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला गया जिसको लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने पिच को खराब रेटिंग दी है. इसके चलते होल्कर स्टेडियम को 3 डिमेरिट अंक मिल गये हैं और अब बीसीसीआई को इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिये 14 दिन का समय दिया गया है.
आईसीसी ने दी है खराब रेटिंग
आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने मैच अधिकारियों की चिंताओं को व्यक्त करते हुए और दोनों टीमों के कप्तानों के साथ परामर्श के बाद आईसीसी को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें पहले ही दिन से स्पिनर्स को मदद मिलने की बात का जिक्र किया गया था और इसी को लेकर उसे खराब रेटिंग दी गई है.
हालांकि आईसीसी की ओर से ‘खराब’ रेटिंग दिये जाने के बाद मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा कि यह पिच भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के क्यूरेटरों के निर्देशों के मुताबिक ही तैयार की गई थी. एमपीसीए अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की ओर से इस पिच को ‘खराब’ करार दिए जाने के बाद यह बयान दिया.
पिच ने दिया है मैच का नतीजा
स्पिनर्स के घातक वार से "बल्लेबाजों की कब्रगाह" साबित हुई इस पिच पर मेजबान भारत को टेस्ट मैच के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया के हाथों नौ विकेट से करारी हार झेलनी पड़ी.
खांडेकर ने कहा,‘मुझे पता चला है कि इस पिच को आईसीसी ने खराब करार दिया है. हालांकि, मैंने पिच को लेकर आईसीसी की रेटिंग का विस्तृत ब्योरा नहीं देखा है. लेकिन मेरा कहना है कि इस पिच ने टेस्ट मैच का नतीजा दिया है.’
बीसीसीआई के कहे अनुसार ही बनाई गई थी पिच
क्रिकेट के गलियारों में इंदौर की पिच की तीखी आलोचना के बीच एमपीसीए अध्यक्ष याद दिलाना नहीं भूले कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर और दिल्ली में खेले गए दो शुरुआती टेस्ट मैच भी पूरे पांच दिन नहीं चल सके थे. खांडेकर ने कहा कि होल्कर स्टेडियम की पिच बीसीसीआई के पिच क्यूरेटरों के दिशा-निर्देशों के मुताबिक बनाई गई थी जिन्होंने मुकाबले के करीब आठ दिन पहले होल्कर स्टेडियम पहुंचकर मैदान का मुआयना किया था.
मैच के लिये किया गया काली मिट्टी की पिच का इस्तेमाल
सूत्रों ने बताया कि बीसीसीआई के दो क्यूरेटरों-आशीष भौमिक और तापस चटर्जी ने भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट से पहले, स्टेडियम का मुआयना किया था. सूत्रों के मुताबिक होल्कर स्टेडियम में काली और लाल, दोनों तरह की मिट्टियों की पिच हैं, लेकिन भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट के लिए काली मिट्टी की पिच इस्तेमाल करने का फैसला किया गया था.
जानकारों के मुताबिक आमतौर पर क्रिकेट की गेंद, लाल मिट्टी की पिच की तुलना में काली मिट्टी की पिच पर कम घुमाव और उछाल लेती है, लेकिन गेंद की चाल इस पर भी निर्भर करती है कि पिच पर घास की स्थिति कैसी है?
बल्लेबाजों का स्वर्ग कहलाता था होल्कर स्टेडियम
एमपीसीए के होल्कर स्टेडियम के पिछले 17 साल के इतिहास में जितने मैच हुए हैं, उनमें से अधिकतर मुकाबलों में इसकी पिच बल्लेबाजों के लिए खूब मददगार साबित हुई है, इसलिए इस मैदान को "बल्लेबाजों का स्वर्ग" कहा जाता रहा है.
एमपीसीए अध्यक्ष खांडेकर ने कहा,‘होल्कर स्टेडियम की पिच ने पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मैचों की शानदार मेजबानी की है. 24 जनवरी को इस पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच एक दिवसीय मैच का आयोजन किया गया था.’
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