नई दिल्लीः Maharashtra Election: महाराष्ट्र में बुधवार को होने वाले विधानसभा चुनावों में कई क्षत्रपों का चुनावी भविष्य दांव पर लगा हुआ है. राकांपा (SP) सुप्रीमो शरद पवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपनी-अपनी पार्टियों के लिए लोगों का वोट हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं.
लोकसभा चुनाव में अजित को लगा था झटका
शरद पवार ने लोकसभा चुनाव में अजित पवार को बड़ा झटका दिया था, जिनके गुट को निर्वाचन आयोग ने असल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के रूप में मान्यता दी है. उन्हें विधानसभा चुनावों में भी प्रतिद्वंद्वी गुट को पटखनी देने का भरोसा है, जबकि अजित पवार अच्छे प्रदर्शन के साथ वापसी की उम्मीद कर रहे हैं.
शिंदे और उद्धवः कौनसा गुट पड़ेगा भारी?
दूसरी ओर शिवसेना के शिंदे और उद्धव गुटों की बात करें तो लोकसभा चुनाव में दोनों ने ठीक-ठाक प्रदर्शन किया था. ऐसे में जनता किसे पार्टी की विरासत का असल हकदार मानती है, इसका निर्धारण अब विधानसभा चुनाव के नतीजों से होने की उम्मीद है. निर्वाचन आयोग ने शिंदे गुट को असल शिवसेना के रूप में मान्यता दी है.
महा विकास आघाडी और महायुति में मुकाबला
महाराष्ट्र में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार), उद्धव की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और कांग्रेस विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (MVA) का हिस्सा हैं. वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अलावा शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल हैं.
किसने कितनी सीटों पर उतारे उम्मीदवार
भाजपा महाराष्ट्र की 149 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि शिवसेना ने 81 और राकांपा ने 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं कांग्रेस 101, शिवसेना (UBT) 95 और राकांपा (SP) 86 सीटों पर किस्मत आजमा रही हैं. शिवसेना के दोनों धड़े 50 सीटों पर आमने-सामने हैं. वहीं राकांपा के प्रतिद्वंद्वी गुटों ने 37 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं.
मुंबई में शिवसेना के दोनों धड़ों का होगा टेस्ट
शिवसेना के दोनों धड़ों के बीच की लड़ाई मुख्यत: 'मुंबई का बादशाह कौन' पर केंद्रित है. दरअसल देश की आर्थिक राजधानी में पहले अविभाजित शिवसेना का दबदबा था, लेकिन अब पार्टी के दोनों गुट वहां आमने-सामने हैं.
पश्चिम महाराष्ट्र में चाचा या भतीजा?
वहीं, चाचा-भतीजे (शरद और अजित पवार) में पश्चिमी महाराष्ट्र में कांटे की टक्कर होने का अनुमान है, जिसे पवार परिवार का गढ़ माना जाता है. शरद पवार ने अपनी चुनावी रैलियों में क्षेत्र के मतदाताओं से बागियों (अजित पवार और उनकी पार्टी के उम्मीदवारों) को हराने की अपील की है. वहीं अजित पवार अपने चाचा के पक्ष में सहानुभूति की लहर पैदा होने के डर से उनके खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल करने से बचते दिखे हैं.
लोकसभा चुनाव में राकांपा (SP) ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि राकांपा को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा था. वहीं, शिवसेना (UBT) नौ सीटों पर विजयी रही थी, जबकि शिवसेना के खाते में सात सीटें गई थीं.
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