नई दिल्ली: भारत की सर्वकालिक और सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी बन चुकी रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता शटलर पीवी सिंधु टोक्यो ओलंपिक में भी पदक जीतने के कगार पर पहुंच गई हैं. मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन सिंधु ने शुक्रवार को विश्व की पांचवें नंबर की खिलाड़ी अकाने यामागुची को 21-13, 22-20 मात देकर सेमीफाइनल में कदम रख लिया. पीवी सिंधु की सेमीफाइनल में भिड़ंत दुनिया की नंबर एक चीनी ताईपेई की खिलाड़ी ताई जू यिंग के होगा.
रियो में स्पेनिश खिलाड़ी कैरोलिना मरीन के खिलाफ खिताबी मुकाबले में हार का सामना करने के बाद ओलंपिक गोल्ड मेडल और पीवी सिंधु की राह में तीन कांटे बचे हैं. जिनसे पार पाकर ही सिंधु का बैडमिंटन की गोल्डन गर्ल बनने का सपना पूरा होगा.
ताई जू यिंग
सिंधु की राह का पहला कांटा दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ताई जू यिंग हैं. सबले लंबे समय तक दुनिया की नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी होने का रिकॉर्ड 27 वर्षीय यिंग के नाम दर्ज है. साल 2018 के एशियाई खेलों में महिला एकल फाइनल में यिंग सिंधु और स्वर्ण पदक की राह में रोड़ा बनी थीं. सिंधु और यिंग के बीच अबतक कुल 18 मुकाबले हुए हैं जिसमें से 13 में सिंधु को हार का सामना करना पड़ा है जबकि 5 बार उन्हें जीत मिली है. यानी सिंधु के खिलाफ लगभग 72 प्रतिशत मैचों में ताई जू यिंग को जीत मिली है. साल 2020 में दोनों के बीच आखिरी बार हुई भिड़ंत हुई थी जिसमें बाजी यिंग के हाथ लगी थी.
तीन बार की ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियन के पक्ष में एक बात जाती है कि वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक जैसे बड़े टूर्नामेंट में यिंग क्वार्टर फाइनल और प्री क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ सकी हैं. जबकि सिंधु वर्ल्ड चैंपियनशिप में 3 कांस्य, 2 रजत और एक स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं.
चेन यूफेई:
सिंधु और टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल के बीच दूसरी बाधा बन सकती हैं दुनिया की नंबर 2 चीनी बैडमिंटन खिलाड़ी चेन यूफेई. चेन यूफेई और सिंधु के बीच अबतक कुल 10 मुकाबले हुए हैं जिसमें से सिंधु को 6 में जीत मिली है जबकि 4 मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है. यूफेई ओलंपिक में पहली बार भाग ले रही हैं जबकि सिंधु लगातार दूसरी बार खिताबी जीत हासिल करने के इरादे से टोक्यो पहुंची हैं.
बड़े टूर्नामेंट की बात करें तो सिंधु का एशियाई खेलों, वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक खेलों में उनकी तुलना में बेहतर प्रदर्शन रहा है. ऐसे में अगर सिंधु की फाइनल में यूफेई से भिड़ंत होती है तो उनके लिए गोल्ड जीतने की राह थोड़ी आसान हो जाएगी.
ही बिंग जियो
गोल्ड मेडल और सिंधु के बीच टोक्यो ओलंपिक में तीसरा रोड़ा बन सकती हैं चीनी खिलाड़ी ही बिंग जियो. दुनिया की नंबर 9 खिलाड़ी जियो और चेन यूफेई सेमीफाइनल में भिड़ेंगी. इस मैच में जीतने वाली खिलाड़ी फाइनल में पहुंचेगा. ऐसे में यदि उनकी भिड़ंत पीवी सिंधु से होती है तो दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. विश्व रैंकिंग में सातवें पायदान पर काबिज सिंधु का रिकॉर्ड जियो के खिलाफ बेहद खराब रहा है. दोनों के बीच खेले गए 15 मैच में से 9 में सिंधु को हार का सामना करना पड़ा है जबकि महज 6 मैच में उन्हें जीत नसीब हुई है. ऐसे में सिंधु उनके खिलाफ जीत हासिल करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहेंगी.
पीवी सिंधु अपने करियर में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी नहीं बन सकी हैं लेकिन मौजूदा विश्व चैंपियन होते हुए वो ओलंपिक में स्वर्ण पदक अपने नाम कर लेती हैं तो वो ओलंपिक में लगातार दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन जाएंगी. यदि इस बार उनके हाथ सोना लगता है तो वो ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बन जाएंगी. अपने इस सुनहरे ख्वाब को पूरा करने के लिए वो कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगी क्योंकि क्वार्टर फाइनल में जीत के बाद सिंधु ने जैसी हुंकार भरी है उसकी गूंज टोक्यो के साथ-साथ आने वाले कई सालों तक विश्व बैडमिंटन में कई सालों तक सुनाई देगी.
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