नई दिल्लीः कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मुंबई इंडियन्स की ओर से जब अर्जुन तेंदुलकर पदार्पण मुकाबला खेल रहे थे तो महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर डग आउट की जगह ड्रेसिंग रूम में थे क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उनके बेटे का ध्यान भटके. बाएं हाथ के 23 साल के तेज गेंदबाज अर्जुन ने दो ओवर में 17 रन दिए लेकिन उन्हें कोई विकेट नहीं मिला. कार्यवाहक कप्तान सूर्यकुमार यादव ने उनसे पहला और तीसरा ओवर कराया.
जानिए क्या बोले अर्जुन तेंदुलकर
गोवा के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने वाले अर्जुन ने ‘आईपीएलटी20.कॉम’ से कहा, ‘‘यह शानदार लम्हा था. उस टीम के लिए खेलना शानदार था जिसका मैं 2008 से समर्थन कर रहा हूं और मुंबई इंडियन्स तथा भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा से कैप मिलना शानदार था.’’ तेंदुलकर ने पहली बार अपने बेटे को प्रतिस्पर्धी मुकाबला खेलते हुए देखा.
तेंदुलकर ने क्या कहा,जानिए
रविवार को मुंबई इंडियन्स की नाइट राइडर्स के खिलाफ सात विकेट की जीत के बाद तेंदुलकर ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए नया अनुभव था क्योंकि इससे पहले मैं मैदान पर उसे खेलते हुए देखने नहीं गया था. मैं चाहता था कि मैं मैदान पर खुलकर खुद के जाहिर रहे और जो वह करना चाहता है वह करे.’’ हालांकि नाइट राइडर्स की पारी की शुरुआत में तेंदुलकर बाउंड्री के बाहर डग आउट में नहीं बैठे क्योंकि इससे अर्जुन का ध्यान भटक सकता था.
तेंदुलकर ने कहा, ‘‘आज मैं ड्रेसिंग रूम में बैठा क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि उसका (अर्जुन का) ध्यान अपनी योजना से भटके और वह बड़ी स्क्रीन की तरफ देखे और अचानक महसूस करे कि मैं उसे देख रहा हूं इसलिए मैं अंदर था.’’ पिता के रूप में यह तेंदुलकर के लिए भावनात्मक लम्हा था और उन्होंने फ्रेंचाइजी के साथ 16 साल के अपने जुड़ाव को याद किया. वह छह साल खिलाड़ी के रूप में और पिछले 10 साल से ‘मार्गदर्शक’ के रूप में टीम से जुड़े रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अलग अहसास है क्योंकि 2008 मेरे लिए पहला सत्र था और 16 साल बाद वह इसी टीम की ओर से खेल रहा है, यह बुरा नहीं है.
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