सौरव गांगुली को मिला उन्हीं की दवाई का स्वाद, BCCI ने लिया विराट कोहली का बदला

Sourav Ganguly, BCCI President Election: 2019 में बीसीसीआई अध्यक्ष के पद पर चुनाव कराये गये जिसमें सौरव गांगुली ने अगले 3 सालों तक बोर्ड की कमान संभाली हालांकि अब उनका अध्यक्ष बने रहना मुश्किल नजर आ रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 13, 2022, 10:59 AM IST
  • रोजर बिन्नी बनेंगे नये बीसीसीआई अध्यक्ष
  • अध्यक्ष बने रहना चाहते थे गांगुली
सौरव गांगुली को मिला उन्हीं की दवाई का स्वाद, BCCI ने लिया विराट कोहली का बदला

Sourav Ganguly, BCCI President Election: 2019 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड एक बदलाव के दौर से गुजरा जहां पर सीओए को भंग कर लंबे समय से खाली चल रहे बीसीसीआई अध्यक्ष के पद पर चुनाव कराये गये. भारत के लिये सबसे सफल कप्तानों में शुमार सौरव गांगुली को बोर्ड का कार्यभार दिया गया तो वहीं पर जयशाह को सचिव बनाया गया. सौरव गांगुली ने अगले 3 सालों तक बोर्ड की कमान संभाली और कोरोना वायरस के मुश्किल दौर में भी दबदबा बरकरार रखा.

रोजर बिन्नी बनेंगे नये बीसीसीआई अध्यक्ष

बोर्ड को इस दौरान आर्थिक रूप से काफी पैसा मिला लेकिन खिताब का कैबिनेट फिर से खाली ही रहा. टीम टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में जरूर पहुंची लेकिन न तो टी20 विश्वकप और न ही एशिया कप के खिताब को जीत पाने में कामयाब हो सकी. अब फिर से बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिये चुनाव होने जा रहे हैं जिसमें जय शाह तो अपने पद पर बनें रहेंगे लेकिन सौरव गांगुली का अध्यक्ष बने रहना मुश्किल नजर आ रहा है.

अध्यक्ष बने रहना चाहते थे गांगुली

रिपोर्ट्स की मानें तो सौरव गांगुली अपना एक और कार्यकाल पूरा करना चाहते थे लेकिन ऐसा होगा नहीं और अब उनकी जगह 1983 की विश्वकप विजेता टीम के सदस्य रोजर बिन्नी बीसीसीआई के अगले बॉस की भूमिका निभाएंगे. खबरों के अनुसार जब अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर मीटिंग हुई तो बैठक में उनका विरोध किया गया और उनके काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाए गये.

गांगुली का हुआ कोहली जैसा हाल

ऐसे में सबसे अलग-थलग पड़े सौरव गांगुली की हालत बिल्कुल वैसी ही लग रही है जैसा कि एक साल पहले तक विराट कोहली के साथ थी. पिछले साल खेले गये टी20 विश्वकप के दौरान गांगुली और कोहली के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की खबरें आ रही थी जिसके चलते बोर्ड की भी काफी किरकिरी हुई थी. टी20 विश्वकप से पहले कोहली ने क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया लेकिन उन्होंने वनडे और टेस्ट में टीम का नेतृत्व जारी रखने की बात भी कही.

हालांकि विश्वकप के बाद कोहली को यह कहते हुए वनडे की कप्तानी से भी हटा दिया गया कि बोर्ड को सफेद बॉल फॉर्मेट में एक ही कप्तान रखना है. बाद में कोहली ने गांगुली को लेकर कई खुलासे भी किये जिसमें साफ किया गया कि उनसे किसी ने बात नहीं कि और साउथ अफ्रीका दौरे पर उन्होंने टेस्ट की भी कप्तानी छोड़ दी. कुछ समय बाद गांगुली पर टीम सेलेक्शन में दखल देने के भी आरोप लगे.

अपनी ही दवाई का मिला कड़वा स्वाद

फिलहाल गांगुली की स्थिति को देखकर यही लग रहा है कि इस बार उन्हें अपनी ही दवाई का कड़वा स्वाद चखने को मिल गया है. गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष बने रहना चाहते थे लेकिन किसी ने उनका साथ नहीं दिया और उन्हें अब जाना पड़ रहा है. नये चुनाव के अनुसार सौरव गांगुली और जयेश जॉर्ज को छोड़कर बीसीसीआई की मुख्य बॉडी के हर पदाधिकारी को एक और मौका मिला दिया गया है.

रिपोर्ट्स के अनुसार गांगुली के प्रदर्शन की आलोचना करने वालों में पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष और वर्तमान बीसीसीआई टीम के मेंटॉर एन. श्रीनिवासन सबसे आगे थे जिन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसे ब्रांड्स का साथ दिया, जो बीसीसीआई के ऑफिशियल स्पॉन्सर्स के विरोधी थे. गांगुली 18 अक्टूबर को बतौर अध्यक्ष अपना कार्यकाल पूरा करेंगे.

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