नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है. बीसीसीआई की कमाई साल दर साल लगातार बढ़ती जा रही है. खासतौर से IPL के शुरु होने से लेकर अब तक बोर्ड ने खूब पैसे कमाए हैं. वहीं अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और अमीर होने जा रहा है. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल में उसका कद और भी बढ़ने जा रहा है. अगले 5 साल के लिए आईसीसी का जो नया रेवेन्यू डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल तैयार हो रहा है, उसमें BCCI और अमीर होता दिख रहा है.
BCCI की होगी इतनी कमाई
भारतीय क्रिकेट बोर्ड को 2023 से 2027 के बीच पांच साल के चक्र में आईसीसी के सालाना राजस्व से एक अरब डॉलर से अधिक मिल सकते हैं. अभी यह आधिकारिक नहीं है लेकिन आईसीसी के एक प्रभावशाली सदस्य ने बताया कि आईसीसी के 60 करोड़ डॉलर के सालाना राजस्व में से बीसीसीआई को सर्वाधिक 38 . 50 प्रतिशत मिल सकता है. बोर्ड के एक सीनियर सूत्र ने बताया ,‘‘ यह प्रस्तावित मॉडल है और क्रिकेट रैंकिंग , आईसीसी टूर्नामेंटों में प्रदर्शन और खेल में व्यावसायिक योगदान पर आधारित है. भारत खेल के व्यावसायिक पहलू में महत्वपूर्ण योगदान देता है .’’
ICC का प्लान तैयार
भारत का दबदबा इतना है कि ईएसपीएन क्रिकइन्फो में छपी एक सूची के अनुसार इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड दूसरे स्थान पर है जिसे आईसीसी के सालाना राजस्व का 6.89 प्रतिशत (41.33 मिलियन डॉलर) और तीसरे स्थान पर आस्ट्रेलिया को 6.25 प्रतिशत (37.53 मिलियन डॉलर) मिलेगा. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चौथे स्थान पर है जिसे 5.75 प्रतिशत (34.51 मिलियन डॉलर) मिलेगा. पिछले एफटीपी चक्र (2018 से 2022) में आईसीसी का सालाना राजस्व इससे आधा करीब 307 मिलियन डॉलर और पांच साल के लिये करीब 1536 मिलियन डॉलर था.
उस समय बीसीसीआई को पांच साल के लिये 405 मिलियन डॉलर मिले थे जो आईसीसी के कुल राजस्व का करीब 26 प्रतिशत था. उस समय ईसीबी को 7.8 प्रतिशत और जिम्बाब्वे को छोड़कर बाकी बोर्ड को 7.2 प्रतिशत मिले थे । बीसीसीआई सचिव इस समय आईसीसी के वित्तीय फैसले लेने वाली वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति के प्रमुख है.
इसे भी पढ़ें- WTC Final से पहले पैट कमिंस का बड़ा खुलासा, संन्यास को लेकर कही बड़ी बात
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.