नई दिल्ली. छब्बीस दिसंबर को पड़ने वाला यह सूर्य ग्रहण जितना खगोलीय दृष्टि से अहम है उतना ही आम जनजीवन के नज़रिये से भी महत्वपूर्ण है. यूँ तो पहले भी सूर्यग्रहण पड़े हैं और अगले वर्ष भी पड़ेंगे किन्तु इस दौरान इसका ज्योतिषीय राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा. इस दौरान सूतक लगने के कारण आमजनों को सामान्य और गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर कुछ सावधानियां रखनी होंगी:
ग्रहण का आम प्रभाव
भारतीय ज्योतिष मानता है कि हर राशि पर ग्रहण का प्रभाव होता है जो कि उसके स्थान और काल के अनुसार अलग अलग होता है. ग्रहण के समय चूंकि सूतक लग जाता है इसलिए उस दौरान कुछ सावधानियों का ध्यान भी रखना होता है. ग्रहण के कारण वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा सर्वाधिक रहती है इसलिए आमजनों को आहार-व्यवहार की की कुछ आधारभूत सावधानियां रखने की बात कही जाती है.
न कीजिये किसी भी शुभ कार्य को प्रारम्भ
भारतीय ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. ग्रहण निषेध काल भी कहलाता है जिसके पीछे सूतक कारण होता है. अतः शुभ कायों को इस दौरान वर्जित किया जाता है.
गृहस्थों हेतु सावधानियां
इस दौरान गृहस्थ लोगों को संयम पर ध्यान देना चाहिए. परिवार में भोजन और स्नान इस दौरान वर्जित होता है. यदि भोजन करना आवश्यक हो तो ग्रहण काल के पहले ही खाद्य पदार्थों पर तुलसी पत्र या कुशा डाल दें और वही भोजन ग्रहण करें. दैनिक पूजा-पाठ भी ग्रहण के दौरान न करें और मात्र हरि नाम कीर्तन ही इस दौरान किया जाना चाहिए. यदि गुरु द्वारा कोई मंत्र दिया गया हो तो वह मंत्र जाप इस दौरान फलदायी होता है.
गर्भवती स्त्रियों हेतु सावधानियां
परिवार में यदि कोई स्त्री गर्भवती हो तो उसे कुछ विशेष सावधानियों का ध्यान रखना होगा क्योंकि ग्रहण का प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर आसानी से पड़ सकता है.इसलिए ग्रहण के दौरान उनके घर से बाहर निकलने पर मनाही होती है. बहुत ज़रूरी हो तब अपने पेट पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप कर के ही बाहर निकलें जो कि ग्रहण के प्रभाव से गर्भस्थ शिशु की रक्षा करेगा. गर्भवती स्त्रियों को इस दौरान ब्लेड, कैंची, चाकू, छुरी, ब्लेड, सुई आदि काटने या छेड़ने की वस्तु का प्रयोग भी निषिद्ध है. यह गर्भ में पल रहे बच्चे के शरीर पर बुरा प्रभाव डाल सकता है.
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