यूक्रेन से लौटे MBBS छात्रों के भारतीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिले को लेकर बड़ा अपडेट, पढ़िए यहां

रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से यूक्रेन में पढ़ रहे एमबीबीएस स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत लौटना पड़ा था. इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई. अगर वे भारत के मेडिकल कॉलेजों में अपनी पढ़ाई करना चाहते हैं तो उन्हें नीट पास करना होगा, लेकिन अब इस मामले में नया अपडेट आया है.

Written by - Anuj Kumar Bajpai | Last Updated : Jun 7, 2022, 06:00 PM IST
  • तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ने नीट से छूट देने का किया आग्रह
  • पन्नीरसेल्वम ने छात्रों को वापस लाने के लिए पीएम का किया धन्यवाद
यूक्रेन से लौटे MBBS छात्रों के भारतीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिले को लेकर बड़ा अपडेट, पढ़िए यहां

नई दिल्लीः रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से यूक्रेन में पढ़ रहे एमबीबीएस स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत लौटना पड़ा था. इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई. अगर वे भारत के मेडिकल कॉलेजों में अपनी पढ़ाई करना चाहते हैं तो उन्हें नीट पास करना होगा, लेकिन अब इस मामले में नया अपडेट आया है.

तमिलनाडु के पूर्व सीएम ने नीट से छूट देने का किया आग्रह
दरअसल, अन्नाद्रमुक समन्वयक और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) से छूट देने का आग्रह किया है.

छात्रों को वापस लाने के लिए पीएम का किया धन्यवाद
पन्नीरसेल्वम ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में पढ़ रहे लगभग 14,000 भारतीय मेडिकल छात्रों, जिनमें करीब 1,900 तमिलनाडु से हैं. सभी को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

मेडिकल कॉलेजों में दाखिले को नीट पास करना जरूरी
पन्नीरसेल्वम ने मोदी को लिखे एक पत्र में कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, केवल वे छात्र जो नीट पास करते हैं, उन्हें ही भारत के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिलता है, जो यूक्रेन से लौटे एमबीबीएस छात्रों के लिए भारतीय मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने में एक बाधा है.

पन्नीरसेल्वम ने इस मामले में पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने अनुरोध किया, ताकि यूक्रेन से लौटे एमबीबीएस छात्र देश में अपनी चिकित्सा शिक्षा जारी रख सकें. बता दें कि यू्क्रेन में रूस के आक्रमण करने के बाद भारत ने ऑपरेशन गंगा के तहत वहां से भारतीय छात्रों की स्वदेश वापसी कराई थी. यूक्रेन में हालात काफी खराब होने के चलते भारतीय छात्रों को वहां बड़ी परेशानी हो रही थी. 

यहां पर आपको बता दें कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई सस्ती होने की वजह से भारत से हर साल काफी संख्या में स्टूडेंट्स वहां पढ़ाई के लिए जाते हैं.

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