समय से पहले भारतीय नौसेना को मिल जाएगा INS विक्रांत

भारत ने रक्षा निर्माण में एक बार फिर इतिहास रचने का काम किया है. पूरी तरह स्वदेशी विमानवाहक जहाज INS विक्रांत तय समय से एक साल पहले ही नौसेना को सुपुर्द कर दिया जाएगा. इसके निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 9, 2020, 07:38 PM IST
    • INS विक्रांत का निर्माण कार्य लगभग पूरा
    • समय से एक साल पहले नौसेना को सौंपा जाएगा
    • कोचिन शिपयार्ड में बन रहा है INS विक्रांत
समय से पहले भारतीय नौसेना को मिल जाएगा INS विक्रांत

नई दिल्ली: देश के सबसे पहले स्वदेशी विमानवाहक जहाज INS विक्रांत का निर्माण कार्य तय समय से पहले ही पूरा हो जाएगा. इसे अगले साल यानी 2021 में नौसेना को सौंप दिया जाएगा. इस जहाज के आने के बाद समुद्र में भारतीय नौसेना अजेय साबित होगी. 

कोच्चि शिपयार्ड में बन रहा है INS विक्रांत 
इस विमान का निर्माण भारतीय नौसेना और कोच्चि शिपयार्ड मिलकर कर रहे हैं. इसे कोचिन में बनाया जा रहा है. इसका निर्माण कार्य तीसरे चरण में चल रहा है. INS विक्रांत में मशीनरी सेटअप का काम चल रहा है. इसपर बिजली उत्पादन और प्रोपेल्शन मशीनरी का काम पूरा किया जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि तीसरे चरण का निर्माण पूरा होने के बाद इसका बंदरगाह और समुद्री परीक्षण किया जाएगा. जिसके बाद इस भारतीय नौसेना को सौंपने की स्वीकृति मिल जाएगी. हालांकि इसके एविएशन के ट्रायल में अभी एक साल का समय लग सकता है. 

गणतंत्र दिवस परेड में होगी हिस्सेदारी
भारतीय नौसेना के सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर सैन्य परेड में नौसेना की झांकी में मिग-29 विमानों के साथ विक्रांत को प्रदर्शित किया जाने वाला है. इसका निर्माण फरवरी 2009 में शुरु किया गया था. लेकिन इसका डिजाइन साल 1999 में ही तैयार किया जा चुका था. INS विक्रांत को 29 दिसंबर 2011 को पहली बार समुद्र में उतारा गया था. 

ये हैं INS विक्रांत की खासियतें
INS विक्रांत का वजन 40 हजार टन है. दुनिया के सिर्फ चार देशों अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के पास ही इतना वजनी विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता मौजूद है. इसपर 20 की संख्या में मिग-29 फाइटर जेट्स ले जाए जा सकते हैं. साथ ही 10 लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी लादे जा सकते हैं.  यह 262 मीटर (860 फीट) लंबा और 60 मीटर (200 फीट) चौड़ा है. 

INS विक्रांत STOBAR संरचना वाला विमानवाही पोत है. इसे दो शाफ्टों पर मौजूद चार जनरल इलेक्ट्रिक LM 2500+ गैस टर्बाइनें चलाती हैं. ये गैस टर्बाइनें 80 मेगावाट (110000 हॉर्स पावर) की ताकत देती हैं. 

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