नई दिल्ली: तेज रफ्तार से बढ़ती हुई दुनिया ने हर चीज को तकनीक से लेस कर दिया है. लोग जहां हर चीज घर बैठे ही मंगवा रहे हैं तो वहीं पेमेंट की बात आती है तो वह भी डिजिटल ही हो चुका है. लोग कैश साथ में रखने की जगह डिजिटल पेमेंट करना ज्यादा पसंद करते हैं. अब लोग नकद लेन-देन में कम बल्कि, डिजिटल ट्रांजेक्शन में विश्वास रखते हैं.
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16 मार्च से बंद हो जाएगा कार्ड
जिन डेबिट या क्रेडिट कार्ड से लोग कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन (Contactless Transactions) या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं किया है तो ऐसे कार्ड यूजर्स के लिए यह सर्विस 16 मार्च से अपनेआप बंद हो जाएगी. पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नोटिफिकेशन जारी करके कहा था कि 16 मार्च, 2020 तक जिन क्रेडिट या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन या कॉन्ट्रैक्टलैस ट्रांजेक्शन नहीं किया गया तो यह सुविधा बंद हो जाएगी. इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड पर यह सुविधा चालू रहे तो आपको 16 मार्च से पहले अपने कार्ड से ऑनलाइन टांजेक्शन करना होगा. साथ ही कॉन्ट्रैक्टलैस ट्रांजेक्शन भी करना होगा. कॉन्ट्रैक्टलैस ट्रांजेक्शन की सुविधा कुछ समय पहले ही शुरू की गई थी. POS मशीन में बिना पासवर्ड डाले किए गए ट्रांजेक्शन को कॉन्ट्रैक्टलैस ट्रांजेक्शन कहा जाता है. इमरजेंसी केस में बिना पिन डाले भी 2000 रुपये तक का ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. 2015 में रिजर्व बैंक ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि 2000 से नीचे तक के ट्रांजेक्शन के लिए पिन की जरूरत नहीं होगी. यह सुविधा अमूमन हर कार्ड में होती है.
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Contactless payments कार्ड्स में एक कॉन्टैक्टलेस चिप लगा होता है, जिसके साथ में मैगस्ट्रीप और NFC एंटीना होता है. NFC एंटीना कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन के लिए काम करता है. चिप का इस्तेमाल POS स्वाइप और ATM विदड्रॉल के लिए होता है. हालांकि, contactless payments से 2000 से अधिक का ट्रांजेक्शन नहीं होता है.