नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में 45 दिनों की लंबी मैराथन कवायद के बाद अब यूजी प्रवेश प्रक्रिया समाप्त हो गई है. अब डीयू के कॉलेजों में फर्स्ट ईयर के दाखिले हेतु आवेदन नहीं किया सकता है. दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेज लंबित आवेदनों के आधार पर प्रवेश को मंजूरी दे रहे हैं.
इसी के साथ अब दिल्ली विश्वविद्यालय 2021-2022 सत्र के लिए एक नया बैच शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता के मुताबिक 15 नवंबर तक दाखिले के लिए आवेदन करने वाले छात्र 19 नवंबर तक अपनी फीस जमा कर सकते हैं.
22 नवंबर से शुरू होंगी यूजी कोर्सेज की कक्षाएं
दिल्ली विश्वविद्यालय में नए बैच की दाखिला प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रथम वर्ष की ऑनलाइन कक्षाएं 22 नवंबर से शुरू की जाएंगी. दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए कैलेंडर के मुताबिक इन छात्रों की पहली परीक्षा वर्ष 2022 में आयोजित की जाएंगी. यह परीक्षाएं 21 मार्च से 4 अप्रैल के बीच होंगी.
प्रथम वर्ष के छात्रों हेतु दाखिला प्रक्रिया जहां एक ओर अब समाप्त की जा चुकी है. वहीं दूसरी ओर बुधवार 17 नवंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी.
इसी मेरिट लिस्ट के आधार पर दिल्ली विश्वविद्यालय में विभिन्न पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में छात्रों को दाखिला मिल सकेगा. दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर पोस्ट ग्रेजुएट दाखिला प्रक्रिया का कार्यक्रम जारी किया जा चुका है.
दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम की पहली मेरिट लिस्ट के आधार पर 18 से 22 नवंबर के बीच दाखिला प्रक्रिया जारी रहेगी. वहीं छात्र इन पाठ्यक्रमों के लिए 23 नवंबर तक फीस का भुगतान कर सकेंगे.
NCWEB की तीसरी कट ऑफ हुई जारी
दिल्ली विश्वविद्यालय ने एनसीवेब यानी नॉन कॉलेजिएट वुमेन्स एजुकेशन बोर्ड भी अपनी तीसरी कटऑफ जारी कर चुका है. यह कट ऑफ अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों हेतु दाखिले के लिए जारी की गई है.
इसके तहत बीए बीकॉम समेत विभिन्न पाठ्यक्रमों में छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला ले सकते हैं. हालांकि एनसीवेब द्वारा जारी की गई पहली दो कट ऑफ लिस्ट के आधार पर ही बड़ी संख्या में दाखिले हो चुके हैं.
लेकिन अभी भी दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों में यह सीटें खाली हैं. बड़ी बात यह है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों ने इस बार अपनी मेरिट लिस्ट में अंकों का प्रतिशत भी काफी कम किया है.
गौरतलब है कि यह उन छात्रों के लिए एक बेहतर विकल्प है जो दिल्ली विश्वविद्यालय की नियमित कट ऑफ के आधार पर विभिन्न कॉलेजों में दाखिला नहीं पा सके हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय में कई पाठ्यक्रमों हेतु विभिन्न कॉलेजों द्वारा 100 फीसदी कट ऑफ जारी की गई थी.
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